पिछले कई महीनों से स्थिर रहने के बाद एक बार फिर से कोरोना (Corona) के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले दो-तीन हफ्तों में रोजाना आने वाले नए मामलों में उछाल है। इसे लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल हैं। कुछ लोग डरे हुए हैं तो कुछ का मानना है कि यह सिर्फ कुछ राज्यों तक सीमित रहेगा। आइए हम आपको बताते हैं क्या है हकीकत।
AIIMS के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना से बचाव के उपायों का लोग पालन नहीं कर रहे हैं। इसके अलावाल लोग बूस्डर डोज को जरूरी नहीं मान रहे हैं। संभवत: इन वजहों से नए मामलों में उछाल आ रहा है। हालांकि, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब भी गंभीर मामलों की संख्या बहुत कम है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में ऐसे 17 जिले हैं जिनमें कोविड पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) 10 फीसदी से ज्यादा हो गई है। इनमें सात केरल में और 5 मिजोरम में है। 24 जिले ऐसे हैं, जिनमें वीकली पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 फीसदी के बीच है। इनमें सात जिले करेल के हैं, जबिक महाराष्ट्र और मिजोरम में 5-5 जिले हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में नए मामलों में कमी नहीं आने से लोग फिर से लापरवाही बरतने लगे हैं। इसके अलावा जिन लोगों को बूस्टर डोज लेना चाहिए, वे नहीं ले रहे हैं। इससे कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है। इम्यूनाइजेशन पर नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप के चेयरमैन एन के अरोड़ा ने भी कहा कि समर हॉलीडेज की वजह से मोबिलिटी बढ़ी है। सरकार ने ट्रैवल पर पाबंदियां हटाई है। इससे फिर से लोग एक जगह से दूसरी जगह आनेजाने लगे हैं। इस वजह से उन लोगों में संक्रमण बढ़ रहा है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है।
पिछले कुछ दिनों में एक खास बात यह देखी गई है कि संक्रमण बड़े शहरों और ज्यादा घनत्व वाले शहरों तक सीमित है। इस बार संक्रमित होने वाले ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इस वजह से उन्हें सामान्य कोल्ड और जुकाम जैसी दिक्कतें हो रही हैं। डॉ. अरोड़ा ने कहा कि अभी कोरोना के कम से कम तीन वेरिएंट्स सक्रिय हैं। इनमें बीए.4, बीए.5 और बीए.2 शामिल हैं।