Happy Birthday Sachin: क्रिकेटर से कैसे बन गए 'भगवान', 50वें बर्थडे पर जानें सचिन के जीवन की ‘A to Z’ कहानी
Happy Birthday Sachin Tendulkar: देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के लिए आज का दिन किसी उत्सव से कम नहीं है, क्योंकि सचिन तेंदुलकर का जन्म 1973 में इसी दिन हुआ था। दुनिया के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाने वाले सचिन रमेश तेंदुलकर ने बहुत छोटी उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। एक समय सबसे कम उम्र में टेस्ट क्रिकेट में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज था
Happy Birthday Sachin Tendulkar: भारतीय क्रिकेट टीम के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं
Happy Birthday Sachin Tendulkar: देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित भारतीय क्रिकेट टीम के महान क्रिकेटर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) आज यानी सोमवार (24 फरवरी) को 50 साल के हो गए हैं। देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के लिए आज का दिन किसी उत्सव से कम नहीं है, क्योंकि सचिन तेंदुलकर का जन्म 1973 में इसी दिन हुआ था। दुनिया के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाने वाले सचिन रमेश तेंदुलकर ने बहुत छोटी उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। एक समय सबसे कम उम्र में टेस्ट क्रिकेट में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज था। वह देश के पहले खिलाड़ी हैं, जिन्हें ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया।
महज 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने वाले सचिन तेंदुलकर ने 24 साल तक इस खेल पर राज किया। यही कारण है कि भारतीय खेल प्रेमी सचिन को 'क्रिकेट का भगवान (God of Cricket)' भी कहते हैं। वह इतिहास में एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट में 51 और वनडे में 49 सहित कुल 100 इंटरनेशनल शतक बनाए हैं। टेस्ट क्रिकेट में 200 मैचों में 15,921 रनों के साथ सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
भारतीयों के लिए सचिन तेंदुलकर ‘हर परिस्थितियों’ में प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी रहे हैं। इस महान बल्लेबाज को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहे 10 साल हो गए हैं। यह दिग्गज जब आज अपना 50वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं तो हम उनके जीवन के घटनाक्रम को पेश कर रहे हैं जिसमें उनसे संबंधित लोग, स्थान और घटनाएं शामिल हैं जो साढ़े तीन दशक से हमारे जीवन पर हावी रहे हैं।
A (अंजलि, अर्जुन, अजीत)
जैसा कि सचिन तेंदुलकर कहते हैं, पत्नी अंजलि उनके जीवन की ‘सर्वश्रेष्ठ साझेदारी’ है। बेटे अर्जुन क्रिकेट की पिच पर तेंदुलकर की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं और अगर भाई अजीत की कोशिश नहीं होती तो क्या पता हम बांद्रा के उस शख्स की बल्लेबाजी की जादूगरी से वंचित रह जाते।
B (ब्रिस्टल)
इस स्थल का तेंदुलकर के साथ हमेशा भावनात्मक जुड़ाव रहेगा। यहीं पर उन्होंने कीनिया के खिलाफ 140 रन बनाए थे, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह उनके पिता प्रोफेसर रमेश तेंदुलकर की मृत्यु के एक सप्ताह से भी कम समय में आया था।
C (सेंचुरियन)
दक्षिण अफ्रीका का वह स्थान जहां तेंदुलकर ने शायद अपनी सबसे शानदार वनडे पारियों में से एक 2003 विश्व कप के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ 98 रन की खेली थी। तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के ओवर में प्वाइंट के ऊपर से लगाए छक्के को प्रशंसक हमेशा याद रखेंगे।
D (द डॉन)
सर डॉन ब्रैडमैन हमेशा 99.94 के अपने औसत के साथ ‘महानतम’ बने रहेंगे। लेकिन जब ‘द डॉन’ ने कहा कि तेंदुलकर की बल्लेबाजी शैली उनकी जैसी है तो समकालीन क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज पर बहस वहीं समाप्त हो गई।
E (ईडन गार्डन्स)
जहां तेंदुलकर ने अपना 200वां टेस्ट खेला वह वानखेड़े उनकी आत्मा हो सकती है, लेकिन ईडन गार्डन्स जहां उन्होंने अपना 199वां मैच खेला, वह उनके पसंदीदा मैदानों में से एक है। गेंदबाज के रूप में तेंदुलकर ने 1993 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हीरो कप सेमीफाइनल आखिरी ओवर फेंककर ‘स्टारडम’ हासिल किया। भारत दक्षिण अफ्रीका को नौ विकेट पर 193 रन पर रोककर 195 रन का बचाव करने में सफल रहा। तेंदुलकर ने 50वें ओवर में सिर्फ 3 रन दिए।
F (फरारी)
सचिन तेंदुलकर की पसंदीदा कार और उनकी पसंदीदा फार्मूला वन टीम भी। वह 2002 में एक चमचमाती लाल फरारी के मालिक बने जब कंपनी ने 2002 में सर डॉन ब्रैडमैन के 29 टेस्ट शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी करने के लिए उन्हें कार देने का फैसला किया था।
G (गुजरांवाला)
तेंदुलकर ने अपने वनडे करियर का अंत 49 शतक के साथ किया था लेकिन उनके 463 मैचों में से पहला इस पाकिस्तानी शहर में खेला गया था। उन्होंने पदार्पण मुकाबले में कितने रन बनाए थे? वह खाता खोले बिना लौटे थे।
H (हैरिस शील्ड)
मुंबई का प्रसिद्ध अंतर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट जहां क्रिकेटर विनोद कांबली के साथ 664 रनों की साझेदारी के बाद दुनिया को पहली बार सचिन रमेश तेंदुलकर के बारे में पता चला।
I (इंजमाम उल हक)
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान के पास बताने के लिए एक दिलचस्प कहानी थी। उनका बेटा इब्तिसाम तेंदुलकर का बहुत बड़ा फैन था। 2004 के पाकिस्तान के ऐतिहासिक दौरे के दौरान इंजमाम स्कूल जाने वाले अपने बेटे को तेंदुलकर से मिलवाने के लिए भारतीय अभ्यास सत्र के दौरान लाए थे।
J (जॉन मैकेनरो)
तेंदुलकर टेनिस के शौकीन हैं और अपनी किशोरावस्था के दौरान वह अमेरिकी जॉन मैकनरो के बहुत बड़े प्रशंसक हुआ करते थे। बुजुर्गों का कहना है कि 80 के दशक की शुरुआत में मैकेनरो की तरह, घुंघराले बालों वाले तेंदुलकर को लाल हेडबैंड पहने हुए अपनी ‘हाउसिंग सोसाइटी’ में घूमते देखा जा सकता था।
K (विनोद कांबली)
उनके बचपन के दोस्त कांबली हैरिस शील्ड में 664 रन की विश्व रिकॉर्ड साझेदारी में उनके जोड़ीदार थे। दोनों एक साथ इंटरनेशनल क्रिकेट भी खेले लेकिन तेंदुलकर काफी आगे निकल गए जबकि कांबली अच्छी शुरुआत के बावजूद रास्ता भटक गए।
L (ब्रायन लारा)
दोनों में से बड़ा क्रिकेटर कौन था, इस पर बहस कभी खत्म नहीं होगी लेकिन तेंदुलकर की स्तर का लुत्फ उठाने के लिए ब्रायन लारा की भी सराहना करनी होगी। दोनों ने 90 के दशक को ऐसे जगमगाया जैसा पहले कभी नहीं देखा गया था और आपसी सम्मान हर किसी को देखने को मिल रहा था।
M (ग्लेन मैकग्रा)
तेंदुलकर बनाम मैकग्रा वह प्रतिस्पर्धा थी जिसने टेस्ट क्रिकेट को जीवंत बना दिया था। जब वे एक दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर रहे थे तो दोनों दिग्गजों ने अपना सब कुछ झोंक दिया। 1990 और 2000 के दशक में दोनों में से कोई भी एक इंच भी पीछे हटने को तैयार नहीं था और इनकी प्रतिद्वंद्विता अब तक की सबसे आकर्षक प्रतिद्वंद्विताओं में से एक है।
N (नरसिंह देवनारायण)
नरसिंह देवनारायण के अंतरराष्ट्रीय करियर के बारे में लिखने के लिए कुछ भी नहीं है, लेकिन वेस्टइंडीज के इस गेंदबाज को हमेशा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तेंदुलकर को आउट करने वाले आखिरी गेंदबाज के रूप में याद रखा जाएगा। इस ऑफ स्पिनर ने 2013 में वानखेड़े स्टेडियम में दूसरे टेस्ट के दौरान तेंदुलकर को 74 रन बनाने के बाद आउट किया। भारत ने यह मैच पारी और 126 रन से जीता था।
O (ओल्ड ट्रैफर्ड)
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड की तुलना में दुनिया का कोई भी क्रिकेट स्थल तेंदुलकर के दिल के करीब नहीं है। यह वह मैदान है जहां उन्होंने अपने 100 अंतरराष्ट्रीय शतकों में से पहला शतक बनाया था। उनके नाबाद 119 से इंग्लैंड के खिलाफ 1990 की श्रृंखला का दूसरा टेस्ट भारत ड्रॉ कराने में सफल रहा।
P (पेशावर)
यह वह स्थान था जहां विश्व क्रिकेट का पहली बार इस किशोर भारतीय की विलक्षणता पर ध्यान गया। तेंदुलकर ने सिर्फ 18 गेंद पर 53 रन बनाए। यह एक प्रदर्शनी मैच था जो बारिश से प्रभावित रह लेकिन तेंदुलकर ने दर्शकों को लुभाने और उन पर स्थायी छाप छोड़ने के लिए T-20 शैली की पारी खेली।
Q (अब्दुल कादिर)
जब हम उस पेशावर मैच की बात करते हैं तो क्या अब्दुल कादिर बहुत पीछे रह सकते हैं? कई मौकों पर तेंदुलकर ने उस घटना को याद किया है जहां कादिर ने मुश्ताक अहमद पर बड़े शॉट खेलने के बाद उनसे छींटाकशी की कोशिश की। कादिर ने कहा था ‘बच्चे को क्या मरते हो, हमें मार के दिखाओ।’ बाकी तो इतिहास है क्योंकि तेंदुलकर ने कादिर के एक ओवर में 28 रन मारे।
R (राहुल द्रविड़)
अपने आप में एक उत्कृष्ट बल्लेबाज राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाजी जोड़ी हैं, जिनके बीच 20 से अधिक शतकीय साझेदारियां हैं और दोनों ने साझेदारी में 6,920 रन बनाए हैं।
S (शिवाजी पार्क जिमखाना)
शिवाजी पार्क जिमखाना यह वह स्थान है जहां से सब कुछ शुरू हुआ। रमाकांत आचरेकर की चौकस निगाहों के बीच तेंदुलकर ने मुंबई क्रिकेट का पालना माने जाने वाले इस मैदान पर खेल के गुर सीखे।
T (टोरंटो)
टोरंटो का स्केटिंग और कर्लिंग क्लब मैदान तेंदुलकर के लिए हमेशा खास रहेगा। यहीं पर उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ जीत के दौरान 89 गेंदों में नाबाद 89 रन बनाकर कप्तान के रूप में अपना पहला ‘मैन ऑफ द मैच’ हासिल किया।
U (यू2)
सचिन तेंदुलकर महान गायिका दिवंगत लता मंगेशकर के भक्त हैं लेकिन जब अंग्रेजी गानों की बात आती है तो वे विश्व प्रसिद्ध आयरिश रॉक बैंड U2 के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। यू2 का उनका पसंदीदा गाना ‘व्हेयर स्ट्रीट्स हैव नो नेम’ है।
V (विराट कोहली)
जिस दिन तेंदुलकर ने संन्यास लिया उस दिन विराट कोहली ने अपने पिता से मिली चेन तेंदुलकर को गिफ्ट में दी और वानखेड़े ड्रेसिंग रूम के अंदर ‘तुझ में रब दिखता है’ गाया।
W (विंबलडन)
एक टूर्नामेंट जहां जाने से तेंदुलकर शायद ही चूकते हों। इस दिग्गज को हर साल विंबलडन में VIP स्टैंड में बैठकर सेंटर कोर्ट पर मुकाबले को देखते हुए देखा जा सकता है।
X (सेंट जेवियर्स स्कूल)
सेंट जेवियर्स वह स्कूल था जिसके खिलाफ तेंदुलकर और विनोद कांबली ने शारदाश्रम विद्यामंदिर के लिए खेलते हुए हैरिस शील्ड में 664 रन की साझेदारी की थी।
Y (यॉर्कशायर)
इंग्लिश काउंटी की यॉर्कशायर टीम नस्लवाद के कई आरोपों का सामना कर रही है, लेकिन 1990 में उन्होंने तेंदुलकर का खुले दिल से स्वागत किया। भारतीय दिग्गज इस क्लब से जुड़ने वाले पहले विदेशी खिलाड़ी थे।
Z (जिम्बाब्वे)
जिम्बाब्वे के गेंदबाज हेनरी ओलोंगा ने तेंदुलकर को शारजाह में 1998 चैंपियंस ट्रॉफी के एक लीग मैच के दौरान बाउंसर पर आउट किया। हालांकि, फाइनल में इस दिग्गज बल्लेबाज ने 124 रन बनाए और भारत ने 120 गेंद शेष रहते 10 विकेट से जीत हासिल की।