Budget 2024 से पहले अरबों में पहुंच गई नायडू, नीतीश की मांग, आंध्र प्रदेश और बिहार ने मांगे 48,000 करोड़ रुपए
BJP के दो प्रमुख सहयोगियों ने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए ज्यादा उधारी के अलावा, चालू वित्तीय वर्ष के लिए इन फंडों (हजारों करोड़ रुपये) का अनुरोध किया है। ये उम्मीद तो पहले से ही थी नायडू और नीतीश, जो NDA में आते-जाते रहे हैं, बीजेपी के लिए किंगमेकर की भूमिका निभाने के बदले में अपने राज्यों के लिए ज्यादा फंड की मांग करेंगे।
अरबों में पहुंच गई चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की मांग
चंद्रबाबू नायडू की TDP और नीतीश कुमार की JDU ने 23 जुलाई को पेश होने वाले 2024 के केंद्रीय बजट से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से लगभग 5.7 अरब डॉलर लगभग 48,000 करोड़ रुपए की मांग की है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में 16 सांसदों वाली टीडीपी और 12 सांसदों वाली जेडी(यू) ने बीजेपी को केंद्र में सरकार बनाने में मदद की, क्योंकि भगवा पार्टी बहुमत से काफी पीछे रह गई।
न्यूज एजेंसी Reuters और एक सूत्र ने दस्तावेज के हवाले से बताया, BJP के दो प्रमुख सहयोगियों ने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए ज्यादा उधारी के अलावा, चालू वित्तीय वर्ष के लिए इन फंडों (हजारों करोड़ रुपये) का अनुरोध किया है।
ये उम्मीद तो पहले से ही थी नायडू और नीतीश, जो NDA में आते-जाते रहे हैं, बीजेपी के लिए किंगमेकर की भूमिका निभाने के बदले में अपने राज्यों के लिए ज्यादा फंड की मांग करेंगे।
नायडू की 1 लाख करोड़ से ज्यादा की मांग
Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले नायडू ने 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की वित्तीय सहायता मांगी। TDP सुप्रीमो ने इस हफ्ते की शुरुआत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों से मुलाकात की। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों पर जोर दिया।
Moneycontrol ने पहले बताया था कि आंध्र प्रदेश ने अपनी राजधानी अमरावती और पोलावरम सिंचाई प्रोजेक्ट के विकास के लिए पैसा मांगा है। अमरावती का मुद्दा सीएम नायडू के लिए काफी अहम है।
इन प्रोजेक्ट के लिए पैसा चाहते हैं नायडू
नायडू विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और अमरावती में मेट्रो परियोजनाओं, एक लाइट रेल प्रोजेक्ट और विजयवाड़ा से मुंबई और नई दिल्ली के लिए वंदे भारत ट्रेन के लिए भी पैसा चाहते हैं।
इसके अलावा, उन्होंने पिछड़े जिलों के लिए ग्रांट और रामायपट्टनम बंदरगाह और कडप्पा में एक इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए समर्थन मांगा है।
बिहार ने भी कई प्रोजेक्ट के लिए मांगा पैसा
डॉक्यूमेंट के अनुसार, इस बीच, बिहार नौ नए हवाई अड्डों, दो बिजली परियोजनाओं, दो नदी जल प्रोग्राम और सात मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए पैसे की मांग कर रहा है। हालांति, इन प्रोजेक्ट के लिए कितने पीरियड के लिए पैसा मांगा जा रहा है, ये तय नहीं है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्य ये भी चाहते हैं कि केंद्र सभी राज्यों को इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च के लिए सरकार की ओर से दिए जाने वाले बिना शर्त लॉन्ग टर्म लोन को लगभग दोगुना कर 1 लाख करोड़ रुपए कर दे।
1 फरवरी को NDA 2.0 के अंतरिम बजट में, सरकार ने "पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता" योजना के रूप में लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपए अलग रखे। इसका आधा हिस्सा कुछ आर्थिक सुधारों के लागू करने पर आधारित है।
बाजार से पैसा लेने के नियमों में छूट
दस्तावेज और सूत्रों के अनुसार, राज्य भी बाजार से पैसा उधार लेने के लिए ज्यादा गुंजाइश चाहते हैं, क्योंकि इसकी लिमिट केंद्र की तरफ से तय की गई हैं।
रॉयटर्स ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से संपर्क किया, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। अंतरिम बजट में केंद्र ने राजकोषीय घाटे को GDP का 5.1% रखने का लक्ष्य रखा था।
6 जुलाई को, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने घोषणा की कि संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त के बीच आयोजित किया जाएगा, जबकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी।