इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ लंबे समय तक तेज बनी रह सकती है। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वीए नागेश्वरन (VA Nageswaran) ने यह उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान इंडियन इकोनॉमी हीट भी नहीं होगी और पहले की तरह यह सभी मुश्किलों को पार करते हुए आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 30 साल में यह देखा गया है कि जब भी इंडियन इकोनॉमी की ग्रथ 3-4 साल तक बहुत ज्यादा रही, यह प्रॉब्लम में फंसने लगी। जैसे इनफ्लेशन बढ़ना शुरू हो जाता है। इंपोर्ट में भी उछाल आता है। करेंसी बहुत महंगी हो जाती है। उसके बाद फिर हमें कुछ बड़े कदम उठाने पड़ते हैं।
ग्रोथ 15 साल तक तेज बनी रह सकती है
CEA ने कहा कि लेकिन इस बार स्थिति अलग है। इसकी वजह सरकार की ठोस इकोनॉमिक पॉलिसी है। हमने पिछले 8 साल में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया है। इकोनॉमी को डिजिटल इकोनॉमी बनाने की कोशिश की गई है। ऐसे में इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ लंबे समय तक तेज बने रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ 3 या 5 साल की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि यह 7 या 10 या 15 साल तक तेजी से ग्रोथ करती रहेगी। 1979 से 2008 के दौरान चीन में ऐसा देखने को मिला था। नागेश्वरन ने 9 जून को CII की तरफ से लखनऊ में आयोजित एक इवेंट में ये बातें कहीं।
मार्च तिमाही के जीडीपी के डेटा उम्मीद से बेहतर
मार्च तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के आकड़े आने के बाद सरकार उत्साहित है। जनवरी से मार्च के दौरान इकोनॉकी की ग्रोथ 6.1 फीसदी रही। यह इकोनॉमिस्ट्स और एनालिस्ट्स के अनुमान के मुकाबले काफी ज्यादा है। उन्होंने जीडीपी ग्रोथ 5.1 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी। इसके बाद अब फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के पूरे साल की जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। यह स्टैटिस्टिक्स मिनिस्ट्री के 7 फीसदी के पहले के अनुमान से 0.20 फीसदी ज्यादा है।
नागेश्वरन ने फाइनेंशिल ईयर 2022-23 की ग्रोथ काफी अच्छी रहने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि इसे बाद में संशोधित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "इकोनॉमी में मोमेंटम है। इसके चलते 7.2 फीसदी का अनुमान भी कम होगा।"
हमें ईश्वरा को शुक्रिया कहना चाहिए
अपने शुरुआती जीवन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "मैं मिडिल क्लास का एक आम व्यक्ति हूं जो मदुरई जैसे छोटे शहर में बढ़ा। मेरी आदत हमेशा सावधानी बरतने की रही है। हमारा प्रदर्शन कितना अच्छा है, इस बारे में ज्यादा बात करना पसंद नहीं करता, क्योंकि मेरा मानना है कि हमें ईश्वर को लालच देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, उन्हें नाराज भी नहीं करना चाहिए। हमें ईश्वर ने जो कुछ दिया है, उसके लिए उनका आभार मानना चाहिए।"उन्होंने कहा, "लेकिन कभी भी लोगों के लिए यह जानना भी जरूरी होता है...कि हम न सिर्फ अच्छा कर रहे हैं बल्कि हम अपने हिस्टोरिकल स्टैंडर्ड्स से बहुत अच्छा कर रहे हैं।"