ऐप पर लोन देने वाली कंपनियों की मनमानी बंद होगी, 2 महीने में आ रही RBI की गाइडलाइंस

पिछले कुछ सालों में फटाफट लोन देने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ी है। ये कुछ ही मिनट में लोन दे देती हैं। बाद में ये ग्राहकों से खराब सलूक करती हैं। ग्राहकों से इनकी मनमानी की कई शिकायतें आती रही हैं

अपडेटेड Apr 08, 2022 पर 5:35 PM
Story continues below Advertisement
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक को डिजिटल लेंडिंग ऐप और प्लेटफॉर्म के शिकार कस्टमर्स की शिकायतें हमें लगातार मिलती रहती हैं

RBI दो महीने में डिजिटल लेंडिंग (Digital Lending) के लिए गाइडलाइंस जारी कर देगा। इससे ऐप पर फटाफट लोन देने वाली कंपनियों की मनमानी रुकेगी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पिछले कुछ सालों में फटाफट लोन देने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ी है। ये कुछ ही मिनट में लोन दे देती हैं। बाद में ये ग्राहकों से खराब सलूक करती हैं। ग्राहकों से इनकी मनमानी की कई शिकायतें आती रही हैं।

वर्किंग ग्रुप सौंप चुका है अपनी रिपोर्ट

शक्तिकांत दास ने कहा, "हमें डिजिटल लेंडिंग पर वर्किंग ग्रुप के रिकॉमेंडेशंस पर कई कमेंट्स मिले हैं। कमेंट को एग्जामिन करने का काम पूरा हो चुका है। अब हम इस बारे में आंतरिक चर्चा करेंगे। एक से दो महीने में गाइडलाइंस को फाइनल कर दिया जाएगा।" केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राय ने कहा कि हमें 650 से ज्यादा कमेंट्स मिले।


आरबीआई की मिल चुकी हैं कई शिकायतें

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक को डिजिटल लेंडिंग ऐप और प्लेटफॉर्म के शिकार कस्टमर्स की शिकायतें हमें लगातार मिलती रहती हैं। उन्होंने कहा, "हमें डिजिटल लेंडिंग में फ्रॉड की कई शिकायतें मिली हैं। कई बार हमें ये शिकायतें सोशल मीडिया के जरिए मिली हैं। हम तुरंत ऐसे मामलों की जांच करते हैं।"

पैसे की वसूली में कंपनियां करती हैं मनमानी

ये कंपनियां ऐप पर ग्राहकों को फटाफट लोन देती हैं। इनका इंट्रेस्ट रेट बहुत ज्यााद होता है। कस्टमर बगैर ज्यादा सोचे ऐसी कंपनियों के ऐप से फटाफट लोन ले लेता है। फिर, ये कंपनियां पैसे की रिकवरी के अनैतिक तरीकों का इस्तेमाल करती हैं। ग्राहकों के साथ जोर-जबर्दस्ती की जाती है। इससे 2020 में कई कस्टमर्स के सुसाइड तक करने की खबरें आई थीं।

यह भी पढ़ें : RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, धीरे-धीरे लिक्विडिटी में कमी लाई जाएगी

ग्रुप ने कई मसलों पर दी है राय

आरबीआई ने चाइनीज ऐप के बहुत ज्यादा इंट्रेस्ट रेट पर कर्ज देने और रिकवरी में ज्यादती करने की खबरें आने के बाद 13 जनवरी, 2021 को एक वर्किंग ग्रुप बनाया था। आरबीआई के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर जयंत कुमार दास इस ग्रुप के प्रमुख थे। इसने पिछले साल नवंबर में अपनी रिपोर्ट दे दी है। इस ग्रुप ने लीगल एवं रेगुलेटरी, टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल कंज्यूमर प्रोटेक्शन के बारे में अपनी रिपोर्ट दी है।

गाइडलाइंस के दायरें में BNPL भी आएंगी

वर्किंग ग्रुप का मानना है कि सिर्फ ऑथेंटिक और वेरीफायड फिनटेक कंपनियों को ही लोन देने की इजाजत होनी चाहिए। बाय-नाउ-एंड-पे-लेटर (BNPL) सहित सभी फिनेटक कंपनियों को आरबीआई की गाइडलाइंस के तहत आना जरूरी है। आरबीआई की गाइडलाइंस के बाद फेक प्लेटफॉर्म और ऐप पर रोक लग जाएगी। यह गाइडलाइंस कैपिटल फ्लोट, स्लाइस, जेस्टमनी, पेटीएम, भारतपे और यूएनआई जैसे बीएनपीएल खिलाड़ियों पर भी लागू होगी।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Apr 08, 2022 4:16 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।