लोकसभा चुनाव के सातवें चरण की वोटिंग से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खुशखबरी आई है। वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2024 में जीडीपी ग्रोथ 7.8 पर्सेंट रही है। वहीं पिछले साल की समान तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.1 पर्सेंट रही थी। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 8.2 पर्सेंट रही है। जीडीपी ग्रोथ का डेटा अनुमानों से कहीं बेहतर रहा है।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने मार्च तिमाही के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी और 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए लगभग 6.9-7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। बीते वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही की बात करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था जून तिमाही में 8.2 पर्सेंट, सितंबर तिमाही में 8.1 पर्सेंट और दिसंबर तिमाही में 8.4 पर्सेंट की दर से बढ़ी है। चौथी तिमाही का ग्रोथ रेट 7.8% रहा है।
आरबीआई ने लगाया था इतना अनुमान
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी जारी आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमान 6.9 पर्सेंट से ज्यादा है।
वहीं अब सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत रही जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह सात प्रतिशत रही थी। इसके साथ ही देश की जीडीपी वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6.2 प्रतिशत थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के जरिए 31 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में भारत के आठ प्रमुख क्षेत्रों ने 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जिसमें मजबूत बिजली और इस्पात उत्पादन का योगदान रहा। यह वृद्धि पिछले महीने दर्ज संशोधित 6 प्रतिशत से बढ़ी है। आठ प्रमुख क्षेत्रों में कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस, बिजली, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात, सीमेंट और उर्वरक शामिल हैं। कोयला उत्पादन में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि बिजली उत्पादन में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मार्च में कोयला उत्पादन में 8.7 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।