GST Council Meeting: केंद्र में नई सरकार बनने के बाद 22 जून 2024 को जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाई गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की यह 53वीं बैठक होगी जो नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दो महीने- अप्रैल और मई में जीएसटी कलेक्शन में जोरदार उछाल देखने को मिला है।
चुनावी मुद्दा बन गया है GST
जीएसटी काउंसिल की यह बैठक बहुत अहम रहने वाली है। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी अपने दम पर केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में नाकाम रही है। सरकार चलाने के लिए यह सहयोगी दलों पर निर्भर है। चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने मौजूदा जीएसटी सिस्टम को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा था। कांग्रेस ने तो अपने मैनिफेस्टो जीएसटी 2.0 लाने का वादा किया था। चुनावी नुकसान के बाद मोदी सरकार पर भी जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने के साथ-साथ टैक्स का बोझ घटानेआ का भी दबाव है।
2 महीने में 4 लाख करोड़ GST की वसूली
वित्त वर्ष 2024-25 के पहले ही महीने में जीएसटी कलेक्शन पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करते हुए 2.10 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा। 1 जुलाई 2017 से शुरू हुए जीएसटी के दौर में यह पहला मौका था, जब 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जीएसटी वसूली में सफलता मिली है। मई महीने में 1.73 लाख करोड़ जीएसटी कलेक्शन रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या चुनावी नुकसान के बाद सरकार जीएसटी रेट्स में बदलाव करेगी। जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने को लेकर उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अगुवाई में बनी कमिटी अभी तक अपनी सिफारिश नहीं सौंप पाई है।
जीएसटी से गरीबों से ज्यादा अमीरों को लाभ
हाल ही में ब्रोकरेज हाउस एम्बिट कैपिटल ने जीएसटी को लेकर रिसर्च पेपर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि जीएसटी रेट को तर्कसंगत (Rationalization) बनाने का यह सही समय है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के मुताबिक जिन उत्पादों पर जीएसटी छूट दी जा रही है उसका बड़ा फायदा कम आय वाले वर्ग से ज्यादा अमीर परिवारों को हो रहा है। गरीबों के कंजम्पशन बास्केट में शामिल आइटम्स में से 20 पर्सेंट से भी कम आइटम्स पर जीएसटी छूट मिलती है जबकि फिलहाल अमीरों के कंजम्पशन बास्केट के आइटम्स में ज्यादा सामानों पर जीएसटी छूट का प्रावधान है।