GST : समझा जाता है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल के मंत्रियों के समूह (GOM) ने लॉटरी, कैसिनो और गेमिंग बिजनेस पर नई जीएसटी दर को अंतिम रूप दे दिया है।
GST : समझा जाता है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल के मंत्रियों के समूह (GOM) ने लॉटरी, कैसिनो और गेमिंग बिजनेस पर नई जीएसटी दर को अंतिम रूप दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सभी ऑनलाइन गेमिंग (online gaming) पर 28 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। जहां रेसिंग, बेटिंग और लॉटरी जैसे गेम्स में कांटेस्ट एंट्री की धनराशि पर वर्तमान में 28 फीसदी लगता है, वहीं अन्य प्रकार के ऑनलाइन गेमिंग पर 18 फीसदी की दर से टैक्स लगता है।
इस सप्ताह होने वाले इस प्रस्तावित फैसले में online gaming को ध्यान में रखा गया है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि यदि इन पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लगता है तो यह फैसला सेक्टर के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
गेमिंग कंपनियों को है भारी कैश की जरूरत
एबिलिटी गेम्स के एमडी सूरज चोखानी ने कहा, ज्यादातर ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां स्टार्टअप हैं और जिन्हें भारी कैश की जरूरत होती है, वहीं प्रॉफिटेबिलिटी की स्थिति में आने अभी कुछ साल लगने की संभावना है। उनके मुताबिक, कांटेस्ट एंट्री फीस 28 फीसदी जीएसटी से पूरे सेक्टर के अस्तित्व पर ही खतरा पैदा हो जाएगा।
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि सरकार और जीओएम इंडस्ट्री को सपोर्ट देने के लिए कोई रास्ता निकालेंगे, वहीं खजाने के लिए राजस्व भी सुनिश्चित किया जाएगा। उम्मीद है कि शुरुआती दौर से गुजर रही इंडस्ट्री पर सरकार इस तरह का अनुचित टैक्स नहीं लगाएगी।
भारत दुनिया का पांचवां बड़ा ऑनलाइन गेमिंग का बाजार
ईवाई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ऑनलाइन गेमिंग का दुनिया में पांचवां बड़ा मार्केट है। ईवाई ने कहा, निवेश में बढ़ोतरी, इंटरनेट की व्यापक उपलब्धता और टेक सेवी युवा आबादी जैसे फैक्टर्स के चलते घरेलू बाजार तेजी से बढ़ने का अनुमान है।
2016 में भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार 54.3 करोड़ डॉलर का था और यह 2020 में बढ़कर 1.027 अरब डॉलर का हो गया। रैक फी (Rake fee) के लिहाज से 2023 तक यह 2 अरब डॉलर का बाजार बनने का अनुमान है।
ऑनलाइन गेमिंग ऑपरेटर्स द्वारा वसूले जाने वाले चार्ज को Rake fee कहा जाता है। इस कमीशन या ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू पर 18 फीसदी टैक्स लगाया जाता है। यह टैक्स रेट कई देशों में लागू टैक्स स्ट्रक्चर के अनुरूप है, जिसकी रेंज 15 से 20 फीसदी के बीच है।
गेम्स में फर्क करने की जरूरत
एक लॉ फर्म विक्टोरियम लीगलिस के मैनेजिंग पार्टनर आदित्य चोपड़ा ने कहा, यह ध्यान देना जरूरी है कि पूरे ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने से कुछ खास तरह की गेमिंग के ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू पर 28 फीसदी जीएसटी लगाना अलग बात है। उन्होंने कहा, गेम्स ऑफ स्किल्स के साथ ही गेम्स ऑफ चांस ऑनलाइन गेमिंग में आते हैं। वहीं गेम्स ऑफ चांस पर पहले ही ज्यादा टैक्स लगता है। वर्तमान व्यवस्था में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने से स्किल गेमिंग पर जीएसटी 18 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगा।
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