केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार 26 अगस्त को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) मौजूदा वित्त वर्ष में 7.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी और अगले वित्त वर्ष में भी इसी स्तर पर बनी रहेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार 26 अगस्त को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) मौजूदा वित्त वर्ष में 7.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी और अगले वित्त वर्ष में भी इसी स्तर पर बनी रहेगी।
उन्होंने कहा, "हमारे अपने अनुमानों ने भी घटनाक्रम के आधार पर दिखाया है कि हम निश्चित रूप से 7.4 फीसदी ग्रोथ की सीमा पर है और यह अगले साल भी इसी दर के साथ जारी रहेगा।" वित्त मंत्री ने एफई बेस्ट बैंक अवॉर्ड सेरेमनी (FE Best Banks Awards) के दौरान यह बातें कहीं।
सीतारमण ने कहा कि इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने अगले दो वित्त वर्षों के दौरान भारत की ग्रोथ रेट सबसे तेज रहने का अनुमान लगाया है और उनका अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमान से भी मेल खाता है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल लेवल पर स्थिति अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है और यह लापरवाही तरीके से कदम उठाने का समय नहीं है।
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वित्त मत्री ने कहा कि ग्लोबल लेवल पर ग्रोथ धीमी हुई है, जिसके चलते एक्सपोर्ट सेक्टर को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा और सरकार ऐसी संस्थाओं के साथ काम करेगी ताकि वे विपरीत परिस्थितियों में भी टिके रह सकें।
इस बीच उन्होंने मुफ्त-योजनाओं का भी जिक्र किया और कहा कि हमें मुफ्तखोरी को लेकर एक गंभीर बहस की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि चुनाव पूर्व वादे करने वाले राजनीतिक दलों को खर्चों का ध्यान करके बजटीय प्रावधान करना चाहिए न कि अन्य संस्थाओं पर बोझ डालना चाहिए।
सीतारमण ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों और उत्पादन कंपनियों को इस तरह की मुफ्त सुविधाओं का खामियाजा भुगतना पड़ा है क्योंकि उन्हें 'मुफ्त-वादों' में कोई भूमिका नहीं होने के बावजूद आंशिक रूप से या कुछ मामलों में बिल्कुल भी भुगतान नहीं मिलता है।
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