Manufacturing PMI : 1 मार्च को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी में भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में विस्तार जारी रहा। फरवरी में इस सेक्टर के लिए एचएसबीसी परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 56.9 पर आ गया। 56.9 के स्तर पर, फरवरी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 22 फरवरी को जारी 56.7 के फ्लैश अनुमान से ऊपर और पांच महीनों हाइएस्ट लेवल पर है। फरवरी में भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई लगातार 32वें महीने 50 के अहम स्तर से भी ऊपर है।
बता दें कि 50 का स्तर मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में विस्तार और संकुचन के विभाजक रेखा का काम करता है। यानी मैन्युफैक्चरिंग PMI की 50 से ऊपर की रीडिंग मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में विस्तार का संकेत देती है। जबकि 50 से नीचे की रीडिंग मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि में संकुचन का संकेत होती है।
इनपुट लागत महंगाई जुलाई 2020 के बाद से सबसे निचले स्तर पर रही
एचएसबीसी के एक अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, "एचएसबीसी फाइनल इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई से संकेत मिलता है कि उत्पादन ग्रोथ मजबूत बनी हुई है, जिसे घरेलू और बाहरी दोनों मांग से सपोर्ट मिल रहा है। इनपुट लागत महंगाई जुलाई 2020 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गई है। इसकी वजह से मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के मार्जिन में सुधार हुआ है। मजबूत मांग और प्रॉफिट मार्जिन में सुधार से उत्साहित उत्पादकों का भविष्य की व्यावसायिक स्थितियों के बारे में आशावादी नजरिया है।"
अक्टूबर-दिसंबर 2023 में भारत की जीडीपी में 8.4 फीसदी की बढ़त
फरवरी के पीएमआई आंकड़ों के पहले कल 29 फरवरी को जीडीपी आंकड़े आए थे। अक्टूबर-दिसंबर 2023 में भारत की जीडीपी में 8.4 फीसदी की बढ़त हुई है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सकल मूल्य में बढ़त पिछली तिमाही के 14.4 फीसदी से घटकर 11.6 फीसदी हो गई। जुलाई-सितंबर 2023 में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई का औसत 57.9 और उसके बाद की तिमाही में 55.5 रहा था। 2024 के पहले दो महीनों में इसका औसत 56.7 रहा है।