RBI MPC: केंद्रीय बैंक आरबीआई ने ऐलान किया है कि मौद्रिक नीतियों के समिति (MPC) की बैठक अगले हफ्ते 3 नवंबर को होगी। यह अतिरिक्त बैठक है यानी कि आरबीआई के एमपीसी की जो बैठक समय-समय पर होती रहती है, यह उससे अलग समय पर होगी।
RBI MPC: केंद्रीय बैंक आरबीआई ने ऐलान किया है कि मौद्रिक नीतियों के समिति (MPC) की बैठक अगले हफ्ते 3 नवंबर को होगी। यह अतिरिक्त बैठक है यानी कि आरबीआई के एमपीसी की जो बैठक समय-समय पर होती रहती है, यह उससे अलग समय पर होगी।
ओरिजिनल शेड्यूल के हिसाब से एमपीसी की अगली नीतिगत बैठक 5-7 दिसंबर को होने वाली थी।
आरबीआई ने यह बैठक ऐसे समय में करने का फैसला किया है जब महंगाई दर से निपटने की कोशिशें सफल नहीं हो पा रही हैं। यह बैठक अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) के नीतिगत फैसले के अगले दिन होगी। अमेरिकी फेड महंगाई के प्रकोप को शांत करने की कोशिश में लगा हुआ है और इसका नीतिगत फैसला 2 नवंबर को आएगा।
क्यों पड़ी इस बैठक की जरूत
इंफ्लेशन टारगेट हासिल करने में असफल रहने पर केंद्रीय बैंक आरबीआई को सेक्शन 45ZN के तहत एक रिपोर्ट दाखिल करना होता है। इसके अलावा रेगुलेशन 7 के तहत एमपीसी के सचिव को ऐसी स्थिति में अलग बैठक आयोजित करनी होती है। इसमें सेक्शन 45ZN के प्रावधानों के तहत रिपोर्ट को ड्राफ्ट किया जाएगा और चर्चा होगी। इस रिपोर्ट को उस तारीख से एक महीने के भीतर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा जब आरबीआई इंफ्लेशन टारगेट को हासिल करने में असफल रहा।
क्या होगा रिपोर्ट में?
इस महीने 12 अक्टूबर को आरबीआई ने पहली बार स्वीकार किया कि महंगाई दर को थामने में यानी 2-6 फीसदी की रेंज में रखने में नाकाम रहा है। ऐसे में नियमों के मुताबिक आरबीआई को अब केंद्र सरकार के पास रिपोर्ट दाखिल करना है कि वह इंफ्लेशन को 6 फीसदी से नीचे लाने में नाकाम क्यों रहा और कब तक इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।
12 अक्टूबर को कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) इंफ्लेशन के आंकड़े जारी हुए थे और इसके मुताबिक सितंबर 2022 में उपभोक्ता मूल्य पर आधारित महंगाई दर 7.41 फीसदी की दर से बढ़ी। यह लगातार तीसरी तिमाही रही जब सीपीआई इंफ्लेशन 2-6 फीसदी के लिमिट से बाहर रही।
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।