RBI इस हफ्ते के आखिर में इंटरेस्ट रेट बढ़ा सकता है, जो इस साइकिल की अंतिम वृद्धि होगी। साथ ही केंद्रीय बैंक इस साल के आखिर में मॉनेटरी पॉलिसी में नरमी के लिए जमीन तैयार करना शुरू कर देगा। इकोनॉमिस्ट्स ने यह अनुमान जताया है। RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 3 से 6 अप्रैल तक होगी। इसके नतीजें 6 अप्रैल को आएंगे। यह नए फाइनेंशियर ईयर में MPC की पहली बैठक होगी। MPC ने अपनी पिछली बैठक में रेपो रेट बढ़ाया थ। RBI पिछले साल मई से रेपो रेट लगातार बढ़ा रहा है। इससे रेपो रेट बढ़कर 6.5 फीसदी हो गया है। वह मंहगाई को काबू में करने के लिए लगातार इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहा है। अमेरिका सहित दुनिया के कई देश महंगाई को कंट्रोल में करने के लिए लगातार इंटरेस्ट रेट्स बढ़ा रहे हैं।
Inflation अब भी टारगेट से ज्यादा
Capitol Economics के डिप्टी चीफ इमर्जिंग मार्केट्स इकोनॉमिस्ट शिलन शाह ने कहा, "ग्लोबल बैंकिंग सिस्टम का संकट अब खत्म होता दिख रहा है। हालांकि, इनफ्लेशन अब भी RBI की 2-6 फीसदी टारगेट रेंज से ऊपर बना हुआ है। ऐसे में हमारा मानना है कि MPC 6 अप्रैल को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट्स की वृद्धि का ऐलान कर सकता है।" उन्होंने कहा कि इस साल के आखिर में इंटरेस्ट रेट में कमी के लिए RBI जमीन तैयार करने का काम शुरू कर सकता है।
कोरोना की महामारी के दौरान 4 फीसदी पर आ गया था रेपो रेट
MPC ने फरवरी में हुई अपनी आखिरी मीटिंग में मौद्रिक नीति में नरमी के संकेत दिए थे। तब उसने रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाया था। Repo Rate का मतलब उस रेट से है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। अभी रेपो रेट 6.5 फीसदी है। कोरोना की महामारी के दौरान यह 4 फीसदी पर आ गया था। यह सबसे कम रेपो रेट था। पिछले साल मई से इंटरेस्ट रेट में लगातार वृद्धि के बावजूद रिटेल इनफ्लेशन RBI के 2-6 फीसदी के टारगेट रेंज से बाहर बना हुआ है।
अप्रैल-जून तक महंगाई काबू में आने की उम्मीद
ING में रीजनल हेड ऑफ रिसर्च (एशिया-पैसेफिक) रॉबर्ट कार्नेल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि यह इस साइकिल की अंतिम इंटरेस्ट रेट वृद्धि होगी। इसकी वजह यह है कि मार्च में इनफ्लेशन में तेज गिरावट की उम्मीद है।" दूसरे इकोनॉमिस्ट्स का भी कहना है कि अप्रैल-जून तक रिटेल इनफ्लेशन RBI के टारगेट के अंदर आ जाएगा। उसके बाद यह काफी समय तक इस रेंज में बना रहेगा।
RBI इंटरेस्ट रेट बढ़ाने से कर सकता है परहेज
शिलन शाह ने कहा, "अगले साल हमें उम्मीद के मुकाबले इंटरेस्ट रेट में ज्यादा कमी देखने को मिल सकती है।" कुछ इकोनॉमिस्ट्स का यह भी कहना है कि हो सकता है कि इस हफ्ते MPC इंटरेस्ट रेट में किसी तरह की वृद्धि का ऐलान नहीं करे। अमेरिका में बैंकिंग क्राइसिस के बाद फेडरल रिजर्व के रुख में बदलाव दिख रहा है। माना जा रहा है कि RBI के रुख में बदलाव देखने को मिल सकता है।