RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.50% बढ़ाकर 4.90% किया, बढ़ती महंगाई पर रहेगा फोकस
RBI Monetary Policy: मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने एक मत से रेपो रेट में आधा फीसदी बढ़ोत्तरी का फैसला किया है. RBI गवर्नर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में महंगाई बढ़ी है
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई पर काबू पाने के लिए रेपो रेट बढ़ा दिया है
RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरे महीने रेपो रेट में इजाफा किया है। उसने रेपो रेट 0.50% बढ़ा दिया है। अभी रेपो रेट 4.40% था जो अब 4.90% हो गया है। RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट आधा फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया गया।
MPC के सभी छह सदस्यों ने रेपो रेट में आधा फीसदी बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। बुधवार सुबह 10 बजे RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में बढ़ोतरी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि रिटेल इनफ्लेशन अभी सबसे बड़ा चैलेंज है। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में महंगाई बढ़ी है।
दास ने कहा कि यूक्रेन क्राइसिस के चलते सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है। हालांकि कोरोनावायरस के संक्रमण और युद्ध के बावजूद इकोनॉमी में ग्रोथ जारी है। RBI गवर्नर ने आगे कहा कि महंगाई अब दुनिया भर के लिए बड़ी समस्या बन चुकी है। उन्होंने RBI की मॉनेटरी पॉलिसी के Accommodative Stance में भी बदलाव का ऐलान किया। इसका मतलब है कि नरम मौद्रिक नीति का दौर अब खत्म हो चुका है।
मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी में आज हुए अहम फैसले
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट 0.50% बढ़ाकर 4.90% कर दिया है।
स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) में भी 0.50% की बढ़ोत्तरी। अब यह बढ़कर 4.65% हो गया है।
मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) में भी आधा फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है और अब ये बढ़कर 5.15% है।
महंगाई पर काबू पाने के लिए मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने एक मत से रेपो रेट में बढ़ोत्तरी का फैसला किया।
GDP ग्रोथ रेट के अनुमान में बदलाव नहीं
रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने (MPC) ने फिस्कल ईयर 2023 के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। उसने फिस्कल ईयर 2023 के लिए ग्रोथ रेट के 7.2% के अनुमान को बनाए रखा है।
पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में GDP ग्रोथ का अनुमान 16.2% है।
दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में GDP ग्रोथ का अनुमान 6.2% है।
तीसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में GDP ग्रोथ का अनुमान 4.1% है।
चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2023) में GDP ग्रोथ का अनुमान 4.0% है।
मौजूदा फिस्कल ईयर में रिटेल इनफ्लेशन 6.7% रहने का अनुमान जताया गया है।
लगातार बढ़ रहा है महंगाई का बोझ
रेपो रेट बढ़ाने का फैसला करते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से कमोडिटी की कीमतों में तेजी आई है। यूरोप में हालात बिगड़ने से ग्लोबल ट्रेड प्रभावित हुआ है। इसके चलते इमर्जिंग देशों की करेंसी पर भी दबाव देखने को मिल रहा है।
कमोडिटी के भाव बढ़ने से पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ रही है भारत भी इसका अपवाद नहीं है। Oct-Dec तक महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा रहने का अनुमान है। आरबीआई गर्वनर का कहना है कि महंगाई की स्थिति अनुमान से ज्यादा है।
FY23 के Q1 में रिटेल महंगाई 7.5 फीसदी रह सकती है जबकि FY23 के Q2 में रिटेल महंगाई अनुमान 7.4 फीसदी रह सकती है। वहीं FY23 के Q3 में रिटेल महंगाई अनुमान 6.2 फीसदी पर रह सकती है जबकि FY23 के Q4 में रिटेल महंगाई अनुमान 5.8 फीसदी पर रह सकती है।
RBI ने इस फाइनेंशियल ईयर में 6.7 फीसदी रिटेल इनफ्लेशन का अनुमान लगाने में यह माना है कि क्रूड ऑयल की औसत कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल रहेगी। साथ ही मानसून सामान्य रहेगा। इसका मतलब है कि आने वाले 3-4 महीनों में बारिश अच्छी होगी। इससे फसलों का उत्पादन अच्छा रहेगा।