Retail Inflation: महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को अक्टूबर महीने में भी तगड़ा झटका लगा है। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित खुदरा महंगाई अक्टूबर में बढ़कर 6.21 फीसदी हो गई, जो इससे पिछले महीने यानी सितंबर में 5.49 फीसदी थी। महंगाई में इस उछाल की वजह खाने-पीने की चीजों के दाम में बढ़ोतरी है। ये आंकड़े आज 12 नवंबर को जारी किए गए हैं। इसके साथ ही खुदरा महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के छह फीसदी के दायरे से ऊपर निकल गई है। पिछले साल इसी महीने में CPI आधारित मुद्रास्फीति 4.87 फीसदी थी।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई 10.87 फीसदी पर
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं में मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 10.87 फीसदी हो गई, जो सितंबर में 9.24 फीसदी और पिछले साल अक्टूबर में 6.61 फीसदी थी। आरबीआई ने पिछले महीने नीतिगत दर रेपो को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था। सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को चार फीसदी (दो प्रतिशत घट-बढ़) पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।
इसके पहले अगस्त 2024 में खुदरा महंगाई 3.65% और जुलाई 2024 में 3.54% थी। सितंबर में मुद्रास्फीति जुलाई के बाद पहली बार आरबीआई के मध्यम अवधि के लक्ष्य 4% को पार कर गई थी। ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई बढ़कर 6.68% हो गई, जो पिछले महीने 5.87% थी, जबकि शहरी मुद्रास्फीति सितंबर के 5.05% से बढ़कर 5.62% हो गई।