बजट 2025 में जिन टैक्स उपायों का ऐलान किया गया है, उससे बैंक डिपॉजिट में 42,000-45,000 करोड़ रुपये में बढ़ोतरी की उम्मीद है। फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी एम नागराजू ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इससे बैंकों की लेंडिंग क्षमता मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि बजट में सीनियर सिटिजन , नॉन-सीनियर सिटिजन और अन्य टैक्सपेयर्स के लिए किए गए प्रावधानों का कुछ फायदा बैंकों को भी मिलेगा।
नागराजू ने कहा, 'सीनियर सिटिजन के लिए टीडीएस छूट की सीमा बढ़ाने से 15,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बैंक डिपॉजिट बढ़ने का अनुमान है। सीनियर सिटिजंस के बैंकों में 34 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। चूंकि, टीडीएस सीधे तौर पर डिपॉजिट के व्यवहार को प्रभावित करता है, लिहाजा इस उपाय से डिपॉजिट को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।'
जहां तक नॉन-सीनियर सिटिजन का सवाल है, तो बजट में पेश किए टैक्स इंसेंटिव के कारण 7,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त डिपॉजिट बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, डिपॉजिट में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी (20,000 करोड़ रुपये) , टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने के कारण होगी। नागराजू ने कहा, '1 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू कम होगा। इसमें से कम से कम 20,000 करोड़ रुपये बैंकों के पास वापस आएंगे। सब कोई इस अतिरिक्त इनकम को खर्च नहीं करेगा। कुछ इसे फिक्स्ड डिपॉजिट में रखेंगे। कुल मिलाकर, हमें 42,000-45,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त डिपॉजिट का अनुमान है।'
डिपॉजिट में बढ़ोतरी से बैंकों की लेंडिंग क्षमता मजबूत होगी। उन्होंने कहा, 'अगर डिपॉजिट, खास तौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट में बढ़ोतरी होती है, तो बैंक ज्यादा कर्ज दे सकेंगे। इन उपायों के मद्देनजर बैंक ज्यादा क्रेडिट ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं।' डिपॉजिट में बढ़ोतरी से बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी और बैंकों को ज्यादा कर्ज बांटने का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा।