Delhi Air Pollution: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में एयर पॉल्यूशन ने एक बार फिर गंभीर रूप ले लिया है। दमघोंटू प्रदूषण को लेकर सड़क से लेकर संसद तक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इस बीच, दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि प्रदूषण पर नजर रखने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में एक कमेटी बनाएगी। कमेटी में पैनल में साइंटिस्ट और एक्सपर्ट भी शामिल होंगे। दिल्ली में बिगड़ते एयर पॉल्यूशन को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच CM गुप्ता की तरफ से बुलाई गई मीटिंग में यह फैसला लिया गया। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार (3 दिसंबर) सुबह एयर क्वालिटी 'बेहद खराब' कैटेगरी में रही।
देश की राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 335 दर्ज किया गया। इसी के साथ दिल्ली में लगातार दूसरे दिन भी एयर क्वालिटी बेहद खराब कैटेगरी में बनी रही। दिल्लीवासियों को जहरीली हवा से रविवार (30 नवंबर) और सोमवार (1 दिसंबर) को थोड़ी राहत मिली थी। हालांकि, मंगलवार को एयर क्वालिटी फिर से 'बेहद खराब' कैटेगरी में पहुंच गई।
दिल्ली सरकार ने दिए ये निर्देश
विरोध-प्रदर्शन के बीच बैठक के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने DDA, MCD और DMRC समेत सभी जरूरी डिपार्टमेंट को प्रदूषण के प्रति लापरवाही नहीं करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कंस्ट्रक्शन का मलबा सड़कों पर खुले में पड़ा मिला तो DPCC एक्शन लेगी।
सिरसा ने यह भी ऐलान किया कि दिल्ली में कहीं भी रोड कटिंग की इजाजत नहीं दी जाएगी। साथ ही किसी भी बिना इजाजत रोड कटिंग पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। संबंधित आरोपी के खिलाफ FIR भी होगी। उन्होंने कहा, "उस इलाके के AE और JE के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।" केंद्र के साथ बैठक के बाद सिरसा ने प्रदूषण कंट्रोल के जरूरी उपायों का ऐलान किया
पर्यावरण मंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली नगर निगम को शहर के सभी गड्ढों की पहचान करने और उन्हें ठीक करने के लिए 72 घंटे का समय दिया गया है। लोकल बॉडीज को भी लोगों की सक्रिय भागीदारी के साथ ग्रीन प्लांटेशन ड्राइव को तेज करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि BS-IV एमिशन स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करने वाली गाड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विपक्ष ने प्रदूषण के खिलाफ जताया विरोध
कांग्रेस सांसद और कुछ अन्य सदस्य दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को लेकर विरोध जताते हुए बुधवार को मॉस्क पहनकर संसद भवन पहुंचे। उन्होंने सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। हुड्डा, जयप्रकाश और कुछ अन्य सांसदों ने विशेष मॉस्क लगा रखा था। रोहतक से लोकसभा सदस्य हुड्डा ने पत्रकारों से कहा, "आज हम यहां की जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। हमारी मांग है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर (जवाब देने के लिए) आगे आएं।"
उन्होंने पीटीआई से कहा कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों का एक समूह बनाया जाना चाहिए। फिर दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बजट आवंटन के साथ एक विस्तृत योजना बनाई जानी चाहिए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) की सांसद सुप्रिया सुले ने राष्ट्रीय राजधानी में एयर पॉल्यूशन की स्थिति का उल्लेख करते हुए लोकसभा में कहा कि दिल्ली में घूमने का मतलब एक दिन में 50 सिगरेट पीने जैसा है। सुले ने यह भी कहा कि सरकार को वायु प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए सांसदों का सहयोग लेना चाहिए। उन्होंने कहा, "दिल्ली में घूमने का मतलब एक दिन में 50 सिगरेट पीने जैसा है।" सुले का कहना था कि इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव जी से आग्रह है कि सांसदों से बात कीजिए और लक्ष्य दीजिए कि क्या किया जा सकता है।"
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में स्वच्छ हवा की मांग को लेकर बुधवार को जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में लोग जुए हुए थे। उन्होंने प्रदूषण की समस्या के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के साथ-साथ कांग्रेस समर्थित भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के सदस्य भी प्रदूषण के खिलाफ इस प्रदर्शन में शामिल हुए। दिवाली के बाद से दिल्ली की एयर क्वालिटी मोटे तौर पर 'बहुत खराब' से लेकर 'गंभीर' कैटेगरी में बनी हुई है।
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'बहुत खराब' और 401-500 को 'गंभीर' माना जाता है। प्रदूषण संकट ने संसद के अलावा सुप्रीम कोर्ट का भी ध्यान आकर्षित किया है।