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टॉयज, फुटवियर और न्यू एज बाइसिकल कंपोनेंट्स भी PLI स्कीम के दायरे में आएंगे, जानिए क्या है सरकार का प्लान

टॉयज, फुटवियर और न्यू एज बाइसिकल कंपोनेंट्स को PLI स्कीम के दायरे में लाने के लिए बातचीत अंतिम चरण में है। अभी इस स्कीम के तहत 14 सेक्टर आते हैं। इसमें स्टील, टेक्सटाइल्स, इलोक्ट्रोनिक्स, आईटी हार्डवेयर, मेडिकल डिवाइसेज, फार्मा प्रोडक्ट्स, टेलीकॉम और ड्रोन शामिल हैं

अपडेटेड Jun 14, 2023 पर 1:01 PM
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कुछ खास सेक्टर में पीएलआई की वजह से FDI काफी बढ़ा है। ड्रग्स एवं फार्मास्युटिकल्स में FY21 के मुकाबले FY22 में FDI 46 फीसदी बढ़ा है। फूड एंड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज में इस दौरान एफडीआई 26 फीसदी बढ़ा है। मेडिकल अप्लायंसेज में एफडीआई 91 फीसदी बढ़ा है।

टॉयज, फुटवियर और न्यू एज बाइसिकल कंपोनेंट्स सेक्टर के लिए अच्छी खबर है। ये सभी Production-Linked Incentive (PLI) स्कीम के दायरे में आएंगे। कॉमर्स मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इनटर्नल ट्रेड (DPIIT) के सेक्रेटरी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि टॉयज, फुटवियर और न्यू एज बाइसिकल कंपोनेंट्स को PLI स्कीम के दायरे में लाने के लिए बातचीत अंतिम चरण में है। अभी इस स्कीम के तहत 14 सेक्टर आते हैं। इसमें स्टील, टेक्सटाइल्स, इलोक्ट्रोनिक्स, आईटी हार्डवेयर, मेडिकल डिवाइसेज, फार्मा प्रोडक्ट्स, टेलीकॉम और ड्रोन शामिल हैं। इस स्कीम का दायरा बढ़ाने के लिए बातचीत चल रही है।

रोजगार के ज्यादा मौके पैदा करने वाले सेक्टर पर फोकस

DPIIT के एडिशनल सेक्रेटरी राजीव ठाकुर ने कहा, "2020 में जब PLI को मंजूरी मिली थी। इसे स्ट्रेटेजिक सेक्टर्स की मदद करने के लिए शुरू किया गया था। ऐसे सेक्टर पर फोकस किया गया था, जिनमें रोजगार के मौके पैदा करने की ज्यादा संभावनाएं हैं। अभी टॉयज, फुटवियर और न्यू एज बाइसिकल को लेकर जो बातचीत चल रही है, वह उसी दिशा में है।" इन सेक्टर को स्कीम के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के आवंटन में शामिल किया जाएगा। मंत्रालय के एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि अभी इन तीनों के बारे बातचीत अलग-अलग स्तर पर है। जल्द इन्हें एप्रूवल मिल जाने की उम्मीद है।


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मैन्युफैक्चरिंग में एफडीआई 76% बढ़ा

फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) में 76 फीसदी की शानदार तेजी देखने को मिली है। इस सेक्टर में कुल एफडीआई 21.34 अरबप डॉलर का रहा। इसके मुकाबले FY21 में इस सेक्टर में 12.09 अरब डॉलर का एफडीआई हुआ था। अधिकारी ने बताया कि कुछ खास सेक्टर में पीएलआई की वजह से FDI काफी बढ़ा है। ड्रग्स एवं फार्मास्युटिकल्स में FY21 के मुकाबले FY22 में FDI 46 फीसदी बढ़ा है। फूड एंड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज में इस दौरान एफडीआई 26 फीसदी बढ़ा है। मेडिकल अप्लायंसेज में एफडीआई 91 फीसदी बढ़ा है।

मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग वैल्यू एडिशन में 20% ग्रोथ

सिर्फ तीन साल में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में वैल्यू एडिशन में 20 फीसदी ग्रोथ दिखी है। वियतनाम में 15 साल में यह ग्रोथ 18 फीसदी और चीन में 25 साल में 49 फीसदी रही है। ऐसे में इंडिया की ग्रोथ बड़ी उपलब्धि लगती है। टेलीकॉम सेक्टर में इंपोर्ट सब्स्टिच्यूशन 60 फीसदी रहा है। एंटीना के क्षेत्र में इंडिया आत्मनिर्भर हो गया है। पीएलआई स्कीम के चलते ड्रोन सेक्टर में टर्नओवर सात गुना हो गया है। इनमें सभी MSME स्टार्टअप्स हैं।

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