शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के जरिए परीक्षाओं को पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में एक्सपर्ट्स की एक हाई लेवल कमेटी बनाई। मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने कहा कि सात सदस्यों की समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और NTA की संरचना और वर्क कल्चर को लेकर सिफारिशें करेगी। समिति दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर बीजे राव और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया इस समिति में शामिल हैं।
पैनल में और कौन-कौन सदस्य?
बाकी सदस्यों में प्रोफेसर राममूर्ति के, प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, IIT मद्रास, पंकज बंसल, को-फाउंडर, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत और IIT दिल्ली के डीन स्टूडेंट अफेयर्स प्रोफेसर आदित्य मित्तल शामिल हैं।
शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जयसवाल सदस्य सचिव होंगे। शिक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, हाई लेवल पैनल एंड-टू-एंड परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करेगा और सिस्टम में सुधार के उपाय भी सुझाएगा।
पैनल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को अच्छे से रिव्यू करेगा और उन्हें मजबूत करने के उपाय सुझाएगा। सदस्य हर स्तर पर नियमों को सही से पालन करने के लिए निगरानी तंत्र का भी सुझाव देंगे।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, पैनल डेटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल में सुधार के उपाय देगा, NTA की मौजूदा डेटा सिक्योरिटी प्रक्रिया और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करेगा और इसके सुधार के लिए उपायों की सिफारिश करेगा।
पैनल को NTA की संगठनात्मक संरचना और कामकाज पर सिफारिशें करने और हर स्तर पर पदाधिकारियों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को साफतौर से परिभाषित करने का भी काम सौंपा गया है।
शिक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "समिति इस आदेश के जारी होने की तारीख से दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।"