Engineer’s day 2022: हर साल देश में 15 सितंबर का दिन इंजीनियर्स डे (Engineer's Day ) के तौर पर मनाया जाता है। यह दिन देश के महान इंजीनियर और भारत रत्न से सम्मानित मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Mokshagundam Visvesvaraya) को समर्पित है। एम विश्वेश्वरैया ने राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दिया था। ऐसे में उनके जन्मदिन 15 सितंबर को देश भर में इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। सिविल इंजीनियर विश्वेश्वरैया ने आधुनिक भारत के बांधो, जलाशयों और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। सरकार ने साल 1955 में इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था।
विश्वेश्वरैया को देश में सर एमवी के नाम से भी जाना जाता था। भारत रत्न से सम्मानित एम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 को मैसूर के कोलार जिले स्थित क्काबल्लापुर तालुक में एक तेलुगू परिवार में हुआ था। विश्वेश्वरैया के पिता का नाम श्रीनिवास शास्त्री था, जो संस्कृत के विद्वान और आयुर्वेद के डॉक्टर थे।
भारत सरकार ने उनके जन्म दिन के मौके पर इंजीनियर्स डे मनाने का फैसला किया। साल 1968 में इसका ऐलान किया गया था। इसके बाद हर साल आज के दिन इंजीनियर दिवस मनाया जाता है। वो सिविल इंजीनियर होने के साथ-साथ राजनेता और मैसूर के 19वें दीवान भी बनें। उन्होंने 1883 में पूना के साइंस कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद अपने करियर की शुरुआत बॉम्बे लोक निर्माण विभाग में सहायक अभियंता के रूप में की थी। उन्होंने मैसूर में कृष्णा राजा सागर बाँध का विकास, दक्कन के पठार में सिंचाई सिस्टम, हैदराबाद के लिए बाढ़ सुरक्षा जैसे कई कठिन काम किए थे। MV सर को कर्नाटक का भागीरथी भी कहा जाता है।
भारत में हर साल 15 सितंबर को मनाए जाने वाले इंजीनियर्स डे को श्रीलंका और तंजानियां में भी मनाया जाता है। इन देशों में भी अभियंता दिवस को सर डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की ही याद में मनाया जाता है। साल 2021 के लिए इस दिवस की थीम “इंजीनियरिंग फॉर ए हेल्दी प्लैनेट - सेलीब्रेटिंग द यूनेस्को की इंजीनियरिंग रिपोर्ट” थी। हालांकि, साल 2022 की थीम की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत दुनिया का दूसरा देश है। जहां सबसे ज्यादा इंजीनियर्स हैं। इसलिए इसे इंजीनियरों का देश भी कहा जाता है।