OMG 2 Hindi Movie review: धर्म के साथ सेक्स एजुकेशन का बोल्ड टॉपिक उठाती है फिल्म, जानें क्या सच में है एडल्ट और विवादित
OMG 2 Hindi Movie review: हाल के कुछ दिनों में सेक्स एजुकेशन को पढ़ाने की पुरजोर वकालत भी की गई है। अब इन्हीं सब चर्चाओं को लेकर ओह माई गॉड-2 (Oh My god-2) फिल्म बनी है। रिलीज से पहले ही खूब सारे विवाद, 27 तरह के कट्स और सेंसर बोर्ड से A यानी अडल्ट सर्टिफिकेट को लेकर रिलीज हुई यह फिल्म धर्म के रिफरेंस के साथ सेक्स एजुकेशन के मुद्दे को उठाती है। अब समझना यह है कि क्या यह फिल्म अपनी इस साहसिक कोशिश में कामयाब होती है या फिर नाकाम
OMG 2 Hindi Movie review: हाल के कुछ दिनों में सेक्स एजुकेशन को पढ़ाने की पुरजोर वकालत भी की गई है। अब इन्हीं सब चर्चाओं को लेकर ओह माई गॉड-2 (Oh My god-2) फिल्म बनी है
OMG 2 Hindi Movie review: भारत ऐसा देश जहां पर धर्म और सेक्स एक ऐसा मुद्दा है जिस पर चर्चाएं भी खूब हैं और भ्रांतियां भी। कहने वालों का कहना तो यह भी है कि धर्म में सेक्स या फिर काम हमेशा से मौजूद रहा है। इसे लेकर कामसूत्र और खजुराहो या फिर अजंता एलोरा में बनी कलाकृतियों का रिफरेंस दिया जाता रहा है। हाल के कुछ दिनों में सेक्स एजुकेशन की पुरजोर वकालत भी की गई है। अब इन्हीं सब चर्चाओं को लेकर ओह माई गॉड-2 (Oh My god-2) फिल्म बनी है। रिलीज से पहले ही खूब सारे विवाद, 27 तरह के कट्स और सेंसर बोर्ड से A यानी एडल्ट सर्टिफिकेट को लेकर रिलीज हुई यह फिल्म धर्म के रिफरेंस के साथ सेक्स एजुकेशन के मुद्दे को उठाती है। अब समझना यह है कि क्या यह फिल्म अपनी इस साहसिक कोशिश में कामयाब होती है या फिर नाकाम।
OMG 2 की कहानी का सार
फिल्म की शुरुआत डिस्क्लेमर के साथ होती है। जहां पर एक काल्पनिक शहर के बारे में बताया गया है। शुरुआती सीन में ही महाकुंभ में नागा साधुओं का चित्रण है। जिसके सहारे यह माना जा सकता है कि यह स्टेबलिश करने की कोशिश है कि धर्म में नग्नता स्वीकार है। इसके ठीक बाद के फ्रेम में आते हैं शिवभक्त कांती लाल मुद्गल। जो कि महाकाल मंदिर के परिसर में चलाते हैं अपनी प्रसाद की दुकान। जिंदगी की गाड़ी अपनी रफ्तार से दौड़ रही होती है लेकिन फिर आता है उनके लड़के के जीवन में एक भूचाल। अपनी कुछ कंफ्यूजन जो सेक्स को लेकर है उन सब के चक्कर में उनका लड़का पकड़ा जाता है स्कूल के ही टॉयलेट में 'गलत काम' करते हुए। लड़के के इस 'गलत काम' का वीडियो भी वायरल हो जाता है उसे स्कूल से निकाल भी दिया गया। इसके बाद लड़का ग्रसित है अपनी और फिल्म में दिखाए गए समाज की तरफ से थोपी गई कुंठाओं से। लड़के के साथ पूरा परिवार मानसिक, सामाजिक और कानूनी तौर पर चुनौतियों का सामना कर रहा है। बस अपने भक्त की इन्हीं चुनौतियों को कम करने के लिए भगवान शिव स्वयं अपने एक गण को धरती पर नंदी के साथ भेजने का निर्णय लेते हैं।
OMG 2 में जबरदस्त कोर्ट रूम ड्रामा
कांति शरण मुद्गल जो कि इन सब चुनौतियों का सामना कर रहे हैं अब फैसला लेते हैं स्कूल पर केस करने का। ताकि उनका बेटा कुछ गलत करने के अपराधबोध से बाहर आ सके और सर उठा कर जी सके। इन्हीं सब कोशिशों में शुरू होता है कोर्ट रूम ड्रामा। जहां पर फरियादी और आरोपी दोनों ही एक व्यक्ति है। वहीं स्कूल के अलावा आरोपियों की लिस्ट में कुछ और लोग भी शामिल हैं। हालांकि कोर्ट रूम ड्रामा वाला पार्ट मनोरंजक तरीके से दिखाया गया है। पर फिर भी फिल्मों में जिस तरह से कोर्ट, कानूनी प्रक्रिया और जजों को दिखाने का जो चलन रहा है उसमें अब बदलाव की जरूरत है। पुराने समय से लेकर आज तक कोर्ट रूम के इर्द गिर्द जितनी भी फिल्में बनी हैं उनमें कहीं ना कहीं इस बात की कमी दिखती ही है। फिर चाहे वह पुराने समय की दामिनी रही हो जिसका तारीख पर तारीख डायलॉग आज भी लोगों की जुबां पर चढ़ा हुआ है या फिर जॉली एलएलबी के दोनों पार्ट रहे हों, या फिर रुस्तम रही हो या फिर ओह माई गॉड सीरीज रही हो।
OMG 2 के जरिए सेक्स एजुकेशन पर फोकस
कोर्ट रूम ड्रामे से लेकर पूरी फिल्म की कहानी इस बात पर घूमती रहती है स्कूल में सेक्स एजुकेशन कितना जरूरी है। कांति शरण मुद्गल का यह मानना है कि सेक्स यानी काम की शिक्षा तो धर्म में काफी पहले से दी जा रही है। इसके लिए वो कामसूत्र से लेकर संस्कृत भाषा के अलंकारों और शिवलिंग तक के रिफरेंस को उठाते हैं। हां यहां पर यह कहा जा सकता है लिंग या फिर योनि जैसे शब्दों के पीछे का जो भावार्थ है उसके शाब्दिक अर्थ से परे हटकर उनको समझना जरूरी है। फिर चाहे वह इन पर बात करते हुए हो या फिर फिल्म बनाते समय। ओह माई गॉड कहीं ना कहीं इस प्वाइंट पर आकर चूकती हुई मालूम पड़ती है। बाकी जहां तक रही बात सेक्स एजुकेशन की तो वह जरूरी है। पर इसके साथ एक सवाल भी है जो कि फिल्म में विरोधी पक्ष भी उठाता है कि क्या इंडियन सोसाइटी अभी भी इसके लिए तैयार है?
फिल्म के मुख्य किरदार में हैं पंकज त्रिपाठी। उन्होंने इसमें कांति शरण मुद्गल की भूमिका निभाई है। पंकज इस पूरी फिल्म की धुरी हैं। जिनके चारों तरफ कहानी घूम रही है। एक छोटे शहर के व्यक्ति की भूमिका निभाने में पंकज ने महारत हासिल कर ली है। फिल्म में उन्होंने एक पिता की भूमिका को शिद्दत से निभाने की कोशिश की है। वहीं फिल्म के दूसरे किरदार अक्षय कुमार शिव के गण के तौर पर पायनियर या फिर पथ प्रदर्शक की भूमिका में नजर आते हैं। इस फिल्म की कहानी के हिसाब से यह सही लैंड होता हुआ दिखाई देता है। यानी कि इस फिल्म में यह दिखाने की पुरजोर कोशिश हुई है कि धर्म सेक्स एजुकेशन के मामले में एक पथ प्रदर्शक के तौर पर रहा है हमेशा से ही। इसके अलावा फिल्म में यामी गौतम ने भी अच्छी भूमिका निभाई है। साथ ही अरुण गोविल को हल्के डार्क शेड के कैरेक्टर में देखना एक रोचक अनुभव हो सकता है। हालांकि सबसे रोचक किरदार बिजेंद्र काला का है। एक सेक्सोलॉजिस्ट के किरदार को उन्होंने संवेदन के साथ निभाया है।
OMG 2: म्यूजिक, बैकग्राउंड स्कोर, स्क्रीनप्ले और सिनेमैटोग्राफी
फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है। निर्देशक अमित राय ने निर्देशन पर अच्छी मेहनत की है। कहानी पर भी अच्छा काम हुआ और इसे पर्दे पर भी शानदार तरीके से उतारा गया है। स्क्रीनप्ले अच्छा है। इंटरवल से पहले फिल्म खुद को स्टेबलिश कर लेती है। इंटरवल के बाद वाला पार्ट थोड़ा छोटा है पर फिल्म बांधे रखने की पूरी कोशिश करती है और इसमें काफी अच्छे से सफल भी होती है। हालांकि इंटरवल के बाद कहानी काफी हद तक प्रेडिक्टिबल हो जाती है। बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है साथ ही फिल्म के गाने भी अच्छे है। ऊंची ऊंची वादी वाला गाना अच्छा है फिल्म खत्म होने के बाद भी वह याद रह जाता है।
तो फिर OMG 2 देखें या ना देखें
बेशक यह फिल्म एक जरूरी मुद्दे को उठाती तो है। अब इसका धार्मिक एंगल विवादित है या नहीं यह तो देखने वालों पर निर्भर करता है। सेक्स एजुकेशन एक ऐसा सब्जेक्ट है जिस पर देर सवेर बात होना जरूरी है और लाजिमी भी। फिल्म मनोरंजक तरीके से इस मुद्दे को उठाने की कोशिश करती भी है। एक बार तो इसे देखा ही जाना चाहिए। इसे ए सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता तो भी कुछ दिक्कत ना होती। हमारी तरफ से इस फिल्म को साढ़े तीन स्टार।