प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार सुबह उद्घाटन भाषण के साथ जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) की शुरुआत की। इस बीच चर्चा का विषय वो तख्ती रही, जो प्रधानमंत्री के सामने लगी थी, जिस पर देश का नाम 'इंडिया' (India) की जगह 'भारत' (Bharat) लिखा था। अपने भाषण के साथ भव्य जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत की G20 अध्यक्षता देश के अंदर और बाहर दोनों जगह 'सबका साथ' के समावेश का प्रतीक बन गई है और समूह में अफ्रीकी संघ की स्थायी सदस्यता की घोषणा की।
मोदी ने कहा, "ये भारत में लोगों का G20 बन गया है। इससे करोड़ों भारतीय जुड़े हुए हैं। सबका साथ की भावना के साथ, देश के 60 से ज्यादा शहरों में 200 से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं।" उन्होंने कहा कि सभी G20 देश उनके इस प्रस्ताव पर सहमत हुए हैं कि अफ्रीकी संघ को समूह की स्थायी सदस्यता प्रदान की जाए।
इंडिया का नाम बदलकर 'भारत' किए जाने को लेकर विवाद और अफवाहें तब सामने आईं, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से इस हफ्ते के आखिर में G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले विदेशी नेताओं को दिए गए डिनर के निमंत्रण में उनकी पदनाम 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा गया।
इंडिया बनाम भारत की बहस तब एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गई, जब विपक्षी नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इंडिया का नाम बदलना सरकार की "क्लासिक पैनिक रिएक्शन" और विपक्षी गुट "I.N.D.I.A" के डर से ध्यान भटकाने की रणनीति है।
खबर सामने आने के तुरंत बाद, 'भारत' शब्द के इस्तेमाल से सोशल मीडिया पर वाकयुद्ध शुरू हो गया, जिसमें BJP नेता विपक्ष से भिड़ गए और कई मशहूर हस्तियां और खेल हस्तियां भी इस विवाद में कूद पडीं।
जबकि भाजपा और उसके सहयोगी दल का मानना है कि 'भारत' शब्द का भारतीय संविधान में साफतौर से इस्तेमाल किया गया है और इस तरह इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर परस्पर इस्तेमाल किया जा सकता है। विपक्ष का दावा है कि ये विपक्ष के असर को कम करने के लिए किया जा रहा है, क्योंकि विपक्ष ने अपने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A रखा है।