G20 Summit: जी20 शिखर सम्मेलन से पहले इन बड़े इंटरनेशनल इवेंट की मेजबानी कर चुकी है दिल्ली, जानें कब-कब हुआ राजधानी का कायाकल्प

G20 Summit: जी20 शिखर सम्मेलन के चलते राष्ट्रीय राजधानी में इंफ्रास्ट्रक्चर और सौंदर्यीकरण में एक बड़ा सुधार हुआ है, जिसने शहर की तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है। अगर आपको लग रहा है कि केवल G20 के समय ही राजधानी का कायाकल्प किया जा रहा है, तो आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों कई ऐसे इवेंट और मौके आए हैं, जब दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया है। ऐसी ही कुछ इवेंट पर डालते हैं एक नजर

अपडेटेड Sep 08, 2023 पर 5:15 PM
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G20 Summit: जी20 शिखर सम्मेलन से पहले इन बड़े इंटरनेशनल इवेंट की मेजबानी कर चुकी है दिल्ली

G20 Summit: भारत G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) की मेजबानी की तैयारी के चलते सुर्खियों में है, जहां 9 और 10 सितंबर को 40 से ज्यादा ग्लोबल लीडर्स नई दिल्ली (New Delhi) में जुटेंगे। ये भारत की सबसे महत्वपूर्ण राजनयिक सभाओं में से एक होगी। इस साल का G20 शिखर सम्मेलन भारत की साल भर की अध्यक्षता के खत्म होने का संकेत देगा। जी20 शिखर सम्मेलन के चलते राष्ट्रीय राजधानी में इंफ्रास्ट्रक्चर और सौंदर्यीकरण में एक बड़ा सुधार हुआ है, जिसने शहर की तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है।

अगर आपको लग रहा है कि केवल G20 के समय ही राजधानी का कायाकल्प किया जा रहा है, तो आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों कई ऐसे इवेंट और मौके आए हैं, जब दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया गया है। ऐसी ही कुछ इवेंट पर डालते हैं एक नजर:

1956 में 9वां UNESCO कॉन्फ्रेंस:


तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1956 में 9वें यूनेस्को सम्मेलन (9th UNESCO Conference) के लिए नई दिल्ली को मेजबानी के रूप में प्रस्तावित किया। हालांकि, जब प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया, तो नेहरू को अधिकारियों ने बताया गया कि शहर में इतने बड़े आयोजन की मेजबानी के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है।

कन्वेंशन सेंटर के साथ-साथ आने वाले प्रतिनिधियों को ठहराने के लिए कोई होटल भी नहीं था। तब 25 एकड़ जमीन पर अशोका होटल का निर्माण किया गया। ये जमीन जम्मू-कश्मीर के राजकुमार करण सिंह ने सरकार को दान में दी थी। मौलाना आजाद रोड पर एक कॉन्फ्रेंस सेंटर, विज्ञान भवन का निर्माण भी इसके साथ ही शुरू हुआ।

1972 में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर, एशिया 72

1972 में, शहर में अपना पहला इंटरनेशनल ट्रेड फेयर, एशिया 72 आयोजित करने के लिए कई इंफ्रस्ट्रक्चर तैयार किए गए। सरकार ने उस समय प्रदर्शनी मैदान के नाम से जाने जाने वाली जगह का बड़े पैमाने पर पुनर्विकास किया, जिसे बाद में प्रगति मैदान के नाम से जाना जाने लगा। प्रदर्शनी मैदान के इस रिडवलेपमेंट का मुख्य आकर्षण नए हॉल, खासतौर से 'हॉल ऑफ नेशंस' का निर्माण था, जिसे बाद में 2017 में ध्वस्त कर दिया गया था।

1982 में एशियाई खेल

भारत ने 1982 में दूसरी बार एशियाई खेलों की मेजबानी की। एशियाई खेल गांव (जिसे खेलगांव भी कहा जाता है) का निर्माण एथलीटों के रहने के लिए दक्षिण दिल्ली के सिरी फोर्ट इलाके में किया गया था।

राष्ट्रीय राजधानी में सबसे बड़ा योगदान इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम, जिसे तब इंद्रप्रस्थ स्टेडियम के नाम से जाना जाता था और 60,000 सीटों वाला जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम था।

तब मेहमानों को ठहराने के लिए कई नए होटल भी बनाए गए। उनमें से, भारत पर्यटन विकास निगम (ITDC) ने सात नए होटल बनाए, जिनमें सम्राट होटल, कनिष्क, अशोक यात्री निवास, अकबर होटल, लोधी होटल, होटल रंजीत और कुतुब होटल शामिल हैं।

2010 में राष्ट्रमंडल खेल

3 अक्टूबर 2010 को 19वें राष्ट्रमंडल खेल (Commonwealth Games) जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में शुरू हुए। राष्ट्रीय राजधानी में इससे पहले निर्माण कामों की बाढ़ देखी गई।

इस आयोजन के लिए त्यागराज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया गया था। चार और वेन्यू का भी निर्माण किया गया: सिरी फोर्ट स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज और दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टेडियम में एक रग्बी सुविधा।

इनके अलावा, इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम और JLN स्टेडियम का नवीनीकरण किया गया। कनॉट प्लेस का भी पुनर्विकास किया गया और कई सबवे का निर्माण किया गया। यमुना के पूर्वी तट पर एक राष्ट्रमंडल खेल गांव भी बनाया गया था।

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Tags: #G-20

First Published: Sep 08, 2023 4:35 PM

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