इस साल मानसून सीजन (Monsoon Season) की शुरुआत में थोड़ी देरी हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार 16 मई को जारी एक बयान में दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस बार में केरल में 'थोड़ी देरी' के साथ आने की संभावना है और यह आगामी 4 जून को तटों पर टकरा सकता है। सामान्य रूप से मानसून 1 जून को केरल के जरिए भारत में प्रवेश करता है। इसमें आमतौर पर लगभग सात दिनों की देरी या जल्दी शामिल होती है मौसम विभाग ने अपने बयान में कहा, "इस साल केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आने में थोड़ी देरी होने की संभावना है।
केरल में मानसून के चार जून को पहुंचने की संभावना है।" इससे पहले साल 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को और 2020 में एक जून को मानसून केरल पहुंचा था। मानसून केरल से देश के अन्य हिस्सों में आगे बढ़ता है। यह गर्म और शुष्क मौसम को बारिश के मौसम में बदलने का काम करता है।
इससे लोगों को चिलचिलाती गर्मी से राहत मिलती है। आईएमडी ने पिछले महीने कहा था कि अल नीनो की स्थिति के बावजूद इस साल भारत में मानसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।
मानसून का देश की अर्थव्यवस्था पर काफी असक पड़ता है। भारत में कृषि वाली करीब 52 फीसदी जमीन खेती के लिए बारिश के पानी पर निर्भर है। इन कृषि क्षेत्रों से देश का करीब 40 फीसदी अनाज पैदा होता है, जो देश की फूड सिक्योरिटी में एक अहम भूमिका निभाता है।