अगरतला-सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस के पहले और आखिरी कोच में बैठे यात्रियों के लिए सोमवार को असम के लामडिंग स्टेशन पर हुई एक तय ऑपरेशनल प्रोसेस किसी की लिए अच्छा साबित हुआ, तो किसी के लिए बेहद ही बुरा। ये कहना गलत नहीं होगा कि इस पूरे प्रोसेस ने घटना में कई लोगों का जीवन एकदम से बदल दिया। पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी के पास रंगापानी में एक्सप्रेस ट्रेन को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। असम के लामडिंग में इस ट्रेन की डायरेक्शन बदली गई, जो कि एक तय प्रक्रिया होती है। तकनीकि भाषा में इसे डायरेक्शन रिवर्सल कहते हैं। दिशा बदलने के इस पूरे प्रोसेस के बाद, जो डिब्बे पहले आगे थे, वे ट्रेन के पिछले हिस्से में आ गए।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, ट्रेन के बीच में स्लीपर कोच में बैठे एक यात्री ने कहा, "घटना में ट्रेन के जो डिब्बे डैमेज हुए, वो लामडिंग तक आगे की ओर थे।"
यात्री ने बताया कि दिशा बदलने के बाद, प्रभावित चार कोच - एक जनरल सीटिंग कोच, दो पार्सल वैन और एक गार्ड वैन - पीछे के छोर पर थे। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में जनरल सीटिंग कोच सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जो बगल की पटरियों पर जा गिरा।
हम चाय पी रहे थे और फिर अचानक...
दुर्घटना के बाद ट्रेन के क्षतिग्रस्त डिब्बों में से एक के पास खड़े यात्री ने कहा, "हमारी ट्रेन जब न्यू जलपाईगुड़ी से कुछ किलोमीटर दूर रंगापानी पहुंची, तो उसकी रफ्तार बहुत धीमी थी।"
ट्रेन के एक और यात्री ने बताया कि अचानक तेज झटका लगा और तेज आवाज के साथ ट्रेन अचानक रुक गई। उतरने पर उन्होंने देखा कि मालगाड़ी ने पीछे से उनकी ट्रेन को टक्कर मार दी थी। उन्होंने कहा, "हम चाय पी रहे थे कि तभी अचानक ट्रेन झटके के साथ रुक गई।"
सीट से नीचे गिरी गर्भवती महिला
अपने परिवार के साथ यात्रा कर रही एक गर्भवती महिला ने बताया कि टक्कर लगने से वो अपनी सीट से नीचे गिर गई।
अपने परिवार के साथ AC स्लीपर कोच में बैठी हुई महिला ने कहा, "ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। हमें खुद को संभालने और ये समझने में कुछ समय लगा कि आखिर हुआ क्या था।"
दुर्घटना के बाद सबसे पहले बचाव कार्य शुरू करने वालों में से एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि एक्सप्रेस ट्रेन धीमी गति से चल रही थी, तभी तेज रफ्तार से आ रही मालगाड़ी ने पीछे से उसमें टक्कर मार दी।
एंटी कॉलेजन डिवाइस की ज्यादा जरूरत
दुर्घटना स्थल का दौरा करते हुए दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ता ने कहा कि खराब मौसम के बावजूद बचाव कार्य जारी रहा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी शुरुआती चिंता प्रभावित यात्रियों की मदद करना है। ’’
दुर्घटना स्थल का दौरा करने वाले सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देब ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेनों में एंटी कॉलेजन डिवाइस की जरूरत पर बल दिया।
गौतम देब ने कहा, "बुलेट ट्रेनों पर भारी रकम खर्च करने के बजाय ट्रेनों में सुरक्षा उपकरण लगाना प्राथमिकता होनी चाहिए।"
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार को सुबह एक मालगाड़ी की टक्कर लगने के कारण सियालदह जाने वाली कंचनजंघा एक्सप्रेस के पीछे के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे कम से कम 15 यात्री मारे गए और 60 अन्य घायल हो गए।