Indian Railways News : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बीते शनिवार को हुए भगदड़ के बाद रेलवे प्रशासन पूरी तरह से मूस्तैद नजर आ रहा है। दिल्ली की घटना के बाद प्रयागराज रेलवे स्टेशन अलर्ट पर है। वहीं भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन (दारागंज) को अब 26 फरवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है। स्टेशन पर तैनात आरपीएफ और जीआरपी जवानों से भी अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है। बता दें कि महाकुंभ में शनिवार और रविवार को एक बार फिर से भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली।
26 फरवरी तक बंद हुआ ये रेलवे स्टेशन
महाकुंभ मेले के लिए प्रयागराज में लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं, जिससे उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशन यात्रियों की भारी भीड़ से भर गए हैं। प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन, जिसे पहले 14 फरवरी तक बंद करने का निर्णय लिया गया था, अब अनियंत्रित भीड़ के कारण 26 फरवरी तक बंद कर दिया गया है। जो लोग आमतौर पर इस स्टेशन से ट्रेन पकड़ते थे, अब उन्हें फाफामऊ रेलवे स्टेशन पर भेजा जा रहा है। इस कारण आसपास के रेलवे स्टेशन पर भीड़ काफी बढ़ रही है।
अब तक 53 करोड़ लोगों ने किया स्नान
हालांकि रेलेव स्टेशन के बंद करने से भी प्रयागराज जाने वाले लोगों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। बल्कि पिछले कुछ दिनों में भीड़ काफी बढ़ती ही जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि सोमवार सुबह 8 बजे तक 36.35 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया, जिससे कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या करीब 53 करोड़ हो गई। लोगों की भारी संख्या ने रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ा दी है। प्रयागराज जंक्शन, सुबेदारगंज, फाफामऊ, छिवकी, रामबाग, झूंसी और प्रयागराज कैंट में श्रद्धालु प्लेटफॉर्म पर भीड़ लगाए हुए हैं, जिससे अधिकारियों के लिए भीड़ को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो गया है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नैनी स्टेशन के बाहर की अव्यवस्था का एक वीडियो शेयर किया है।
अधिकारी रेलवे स्टेशनों पर लगातार घोषणाएं कर रहे हैं, ताकि यात्रियों को भीड़ प्रबंधन के नियमों के बारे में चेतावनी दी जा सके। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अधिकारियों ने कहा है कि किसी भी हालत में प्लेटफॉर्म को बदलना नहीं चाहिए। यात्रियों को फुट ओवरब्रिज पर बैठने से रोका जा रहा है और उन्हें सर्कुलेटिंग एरिया में भेजा जा रहा है। रेलवे प्रशासन ने अपनी विशेष सुरक्षा टीम को तैनात किया है और अधिकारी तथा सुरक्षाकर्मी पुलों और सीढ़ियों पर गश्त कर रहे हैं ताकि अव्यवस्था फैलाने वाले यात्रियों को हटाया जा सके। सीढ़ियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है और सुरक्षा कारणों से एस्केलेटर और लिफ्ट को बंद कर दिया गया हैं।
यात्रियों की भारी भीड़ के कारण कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से आठ से दस घंटे लेट चल रही हैं। रेलवे प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ट्रेनों के रूट बदलने और कुछ को रद्द करने का फैसला लिया है। उत्तर रेलवे (लखनऊ मंडल) के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी ने कई रूट में बदलाव की जानकारी दी है। 16 और 17 फरवरी को चलने वाली ट्रेन संख्या 15017 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गोरखपुर एक्सप्रेस अब प्रयागराज को छोड़कर इटारसी-बीना-झांसी-कानपुर सेंट्रल-लखनऊ-बाराबंकी-गोरखपुर के रास्ते जाएगी। इसी तरह, 17 और 18 फरवरी को चलने वाली ट्रेन संख्या 15018 गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस भी प्रयागराज को छोड़कर उलटे रूट पर चलेगी। इसके अलावा, कई ट्रेनें रद्द भी कर दी गई हैं, जिनमें 16 फरवरी को ट्रेन संख्या 15003 कानपुर अनवरगंज-गोरखपुर एक्सप्रेस और 16 फरवरी को ट्रेन संख्या 15004 गोरखपुर-कानपुर अनवरगंज एक्सप्रेस शामिल हैं।
महाकुंभ में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु जुटने के कारण रेलवे अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। प्रयागराज जाने और वहां से आने के लिए कई स्पेशल ट्रेन लगाए गए है। लेकिन बड़ी संख्या में हर रोज आ रहे श्रद्धालुओ को संभालने की समस्या अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।