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Manipur Violence: फ्लैग मार्च के बाद सेना ने कहा- नियंत्रण में है स्थिति, कई ट्रेनें रद्द, चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात

Manipur Violence: सेना के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 9,000 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि करीब 5,000 लोगों को चुराचांदपुर में सुरक्षित गृहों में पहुंचाया गया। वहीं 2,000 लोगों को इंफाल घाटी में और अन्य 2,000 लोगों को तेनुगोपाल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में स्थानांतरित कर दिया गया है

अपडेटेड May 05, 2023 पर 10:36 AM
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Manipur Violence: नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई, जो रात में और तेज हो गई

Manipur Violence News Updates: भारतीय सेना (Indian Army) ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर (Manipur) में अब स्थिति नियंत्रण में है। गुरुवार को रात भर प्रभावित इलाकों से नागरिकों को निकालने का काम चला। चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया गया। कानून व्यवस्था बहाल करने में मदद के लिए आज राज्य में और सैनिकों को तैनात किए जाने की संभावना है। पूर्वोत्तर राज्य में बिगड़ते हालात को देखते हुए मणिपुर जाने वाली कई ट्रेनों और उड़ानों को रोक दिया गया है। भारतीय रेलवे ने कहा कि मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली 4 ट्रेनें रद्द की गई हैं। शुरुआत में यह फैसला सिर्फ 5 और 6 मई के लिए लिया गया है।

भारतीय सेना ने गुरुवार को राज्य में सुरक्षा स्थिति से संबंधित प्रसारित किए जा रहे फर्जी वीडियो पर अलर्ट जारी किया। SpearCorps.IndianArmy ने एक ट्वीट में कहा कि असम राइफल्स पोस्ट पर हमले के वीडियो सहित मणिपुर में सुरक्षा स्थिति पर फर्जी वीडियो को शत्रुतापूर्ण तत्वों की तरफ से निहित स्वार्थों के लिए शेयर किया जा रहा है। भारतीय सेना सभी से केवल आधिकारिक और सत्यापित स्रोतों के माध्यम से दी जाने वाली खबरों पर भरोसा करने का अनुरोध करती है।

बढ़ती हिंसा की वजह से 9,000 से अधिक लोगों को उनके गांवों से सुरक्षित निकालकर दूसरे इलाकों में शिफ्ट किया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल एम रावत ने कहा कि सिर्फ 48 घंटों के दौरान भारतीय सेना और असम राइफल्स ने हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में 7,500 से अधिक नागरिकों को सुरक्षा के मद्देनजर संवेदनशील इलाकों से निकाला गया है। सेना ने कहा कि चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च जारी है।


दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश

मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को राज्य सरकार ने गंभीर स्थिति में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया। वहीं, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 ‘कॉलम’ को तैनात किया गया है। हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आने पर देखते ही गोली मारने की कार्रवाई की जा सकती है।

सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि हालात के दोबारा बिगड़ने की सूरत में कार्रवाई के लिए सेना के 14 ‘कॉलम’ को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। प्रवक्ता ने बताया कि सेना और असम राइफल्स ने चुराचांदपुर और इंफाल घाटी के कई इलाकों में फ्लैग मार्च किया। साथ ही काक्चिंग जिले के सुगनु में भी फ्लैग मार्च किया गया। नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई, जो रात में और तेज हो गई।

एक्शन में अमित शाह

वहीं, हिंसा की गंभीरता को रेखांकित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की और राज्य की स्थिति का जायजा लिया। मणिपुर में स्थिति की निगरानी कर रहे केंद्र ने रैपिड एक्शन फोर्स की कई टीम को भी भेजा है। गृह विभाग के एक आदेश में कहा गया कि शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित हैं।

9,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

सेना के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 9,000 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि करीब 5,000 लोगों को चुराचांदपुर में सुरक्षित गृहों में पहुंचाया गया। वहीं 2,000 लोगों को इंफाल घाटी में और अन्य 2,000 लोगों को तेनुगोपाल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में स्थानांतरित कर दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि रात में सेना और असम राइफल्स को बुलाया गया था और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया। उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है।

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