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Manmohan Singh: 'मेरी गड्डी तो ये मारुति 800 है' प्रधानमंत्री बनने के बाद भी मनमोहन सिंह को BMW में चलना नहीं था पसंद

Manmohan Singh Death: उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री और पूर्व IPS अधिकारी असीम अरुण के साझा किए एक किस्से से मालूम पड़ता है कि मनमोहन सिंह का जीवन कितना सादगी भरा था। असीम ने याद किया कैसे प्रधानमंत्री बनने के बाद भी दिवंगत मनमोहन सिंह को अपनी मारुति 800 से गहरा लगाव था। उस दौरान असीम अरुण प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में सिंह के सिक्योरिटी हेड थे

अपडेटेड Dec 27, 2024 पर 2:31 PM
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Manmohan Singh Death: दिवंगत मनमोहन सिंह को अपनी मारुति 800 से गहरा लगाव था

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन ये कितनी बड़ी बात है कि भारत की अर्थव्यवस्था को एक नया आकार देने वाले मनमोहन ने खुद पूरा जीवन बेहद ही सादगी से बिताया। इसका एक सटीक उदाहरण उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री और पूर्व IPS अधिकारी असीम अरुण के साझा किए एक किस्से से मालूम पड़ता है। असीम ने याद किया कैसे प्रधानमंत्री बनने के बाद भी दिवंगत मनमोहन सिंह को अपनी मारुति 800 से गहरा लगाव था। उस दौरान असीम अरुण प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में सिंह के सिक्योरिटी हेड थे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर असीम ने पोस्ट किया, "मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। SPG में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है - क्लोज प्रोटेक्शन टीम, जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। AIG CPT वो व्यक्ति है, जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। अगर एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है, तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी।"


असीम ने आगे याद किया, "डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी - मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली BMW के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं, जिसके लिए SPG ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।"

अपने शांत स्वभाव, विनम्रता और बुद्धिमत्ता के लिए जाने जाने वाले मनमोहन सिंह 1991 में वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक सुधार के प्रतीक बने और बाद में 2004 से 2014 तक प्रधान मंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया।

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