भले ही केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को Covid-19 केस का पता लगाने के लिए RT-PCR टेस्ट बढ़ाने के लिए कहा हो, लेकिन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने मंगलवार को जारी अपने नए परीक्षण दिशानिर्देश में, मौजूदा टेस्टिंग लैब पर लोड कम करने के लिए हर RT-PCR टेस्ट को कम करने के बारे में बात की है।
ICMR में इन परिस्थितियों में RT-PCR टेस्ट न कराने की सलाह दी है-
- अगर किसी की रैपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई हो।
- अगर किसी की RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई हो।
- अगर किसी ने पिछले तीनों में बिना बुखार के 10 के होम आइसोलेशन पीरियड को पूरा कर लिया हो।
- अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति अंतर्राज्यीय घरेलू यात्रा कर रहा है। जबकि कई राज्यों ने RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य किया है, लेकिन ICMR ने कहा कि इससे लैब पर भार को कम किया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्तर पर, भारत अपनी 2,506 मॉलिक्यूलर टेस्टिंग लैब में RT-PCR, ट्रूनेट, CBNAAT और दूसरे प्लेटफार्मों सहित करीब 15 लाख टेस्ट कर सकता है, लेकिन RT-PCR टेस्ट और कई कर्मचारियों की संक्रमित होने की संख्या में अचानक बढ़ोतरी के साथ लैब पर लोड बढ़ गया है। इस कारण एक RT-PCR टेस्ट के प्रोसेस में अभी 72 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है।
इस स्थिति को देखते हुए, ICMR मास डिटेक्शन के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट पर ध्यान वापस लाने की सिफारिश कर रहा है।
ICMR ने कहा, "शहरों, कस्बों, गांवों, कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, सामुदायिक केंद्रों और अन्य रिक्त स्थानों पर सभी उपलब्ध सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाओं पर RAT की अनुमति दी जा सकती है।"
RT-PCR टेस्ट किसे कराना चाहिए?
ICMR के अनुसार, जिस व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हों, लेकिन उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट नेगेटिव आया हो, उसे तुरंत RT-PCR टेस्ट कराना चाहिए।
वैक्सीनेशन की जानकारी जरूरी
ICMR ने RAT या RT-PCR के लिए टेस्ट फॉर्म में वैक्सीनेशन स्टेटस की जानकारी दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। ICMR ने कहा कि यह जानकारी महत्वपूर्ण महत्व की है। ये फैसला वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज लेने के बाद भी कई लोगों के संक्रमित होने के मद्देनजर लिया गया है।