चीन की मदद से LoC पर डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर बना रही पाकिस्तानी सेना, अधिकारी ने दी जानकारी

अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में विकसित 155 mm ट्रक-माउंटेड (ट्रक से ऑपरेट होने वाली) हॉवित्जर तोप SH-15 को पिछले साल पाकिस्तान डे पर प्रदर्शित किए जाने के बाद नियंत्रण रेखा (LoC) के पास कुछ जगहों पर भी देखा गया है। पाकिस्तान ने 236 SH-15 की सप्लाई के लिए चीन की फर्म नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नोरिनको) के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे

अपडेटेड Jun 25, 2023 पर 7:58 PM
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चीन की मदद से LoC पर डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर बना रही पाकिस्तानी सेना

चीन (China), पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) को मानव रहित विमान (UAV) और लड़ाकू विमान (Fighter Plane) उपलब्ध कराने, कम्यूनिकेशन टावर बनाने और नियंत्रण रेखा पर अंडर ग्राउंड केबल बिछाने के अलावा डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में मदद कर रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार, यह पाकिस्तान के सदाबहार मित्र के रूप में चीन की स्थिति को और मजबूत करने की कोशिशों का हिस्सा है। साथ ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) पर बढ़ते चीनी परिक्षेत्रों और क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) सड़क और जल विद्युत परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बहाने भी ऐसा किया जा रहा है।

अधिकारियों ने कहा कि हाल ही में विकसित 155 mm ट्रक-माउंटेड (ट्रक से ऑपरेट होने वाली) हॉवित्जर तोप SH-15 को पिछले साल पाकिस्तान डे पर प्रदर्शित किए जाने के बाद नियंत्रण रेखा (LoC) के पास कुछ जगहों पर भी देखा गया है।

पाकिस्तान ने 236 SH-15 की सप्लाई के लिए चीन की फर्म नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन लिमिटेड (नोरिनको) के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे। इन्हें ‘शूट एंड स्कूट’ तोपखाना हथियार के रूप में जाना जाता है। लंदन स्थित जेन्स डिफेंस पत्रिका के अनुसार, पहले जत्थे की सप्लाई जनवरी 2022 में की गई थी।


अधिकारियों ने कहा कि हालांकि फ्रंट चौकियों पर PLA के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी नहीं पाई गई, जैसा कि 2014 में पता चला था, लेकिन इंटरसेप्ट किए गए कुछ मैसेज से पता चला है कि चीन के सैनिक और इंजीनियर LoC पर अंडर ग्राउंड बंकरों के निर्माण सहित बुनियादी ढांचे की स्थापना कर रहे थे।

सूत्रों ने कहा कि सेना ने आधिकारिक तौर पर इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन खुफिया एजेंसियों को लगातार जानकारी दी जा रही है।

विशेषज्ञों के अनुसार, चीन की सेना की उपस्थिति बीजिंग के 46 अरब डॉलर के CPEC के कारण है, जिसके तहत कराची में ग्वादर पोर्ट को काराकोरम हाइवे के जरिए चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ा जाएगा। काराकोरम राजमार्ग चीन के अवैध कब्जे वाला क्षेत्र है।

अधिकारियों ने संकेत दिया कि चीन के एक्सपर्ट हर मौसम में खुली रहने वाली सड़क बनाने की तैयारी के लिए POK में स्थित लीपा वैली में कुछ सुरंगें खोद रहे हैं, जो काराकोरम राजमार्ग तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगी।

बता दें कि चीन की टेलीकॉम कंपनी ने 2007 में पाकिस्तान की टेलकॉम कंपनी का अधिग्रहण कर लिया था और चाइना मोबाइल पाकिस्तान (CMPAK) का गठन किया, जो चाइना मोबाइल कम्युनिकेशंस कॉर्पोरेशन की 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।

पिछले साल अगस्त में, पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (पीटीए) ने पीओके के लिए सीएमपाक (जोंग) के मोबाइल लाइसेंस को नवीनीकृत करते हुए क्षेत्र में नेक्स्ट जेनरेशन मोबाइल सर्विसेज (एनजीएमएस) के विस्तार की अनुमति दी थी।

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भारत ने अतीत में गिलगित और बाल्टिस्तान क्षेत्रों में चीनियों की मौजूदगी पर कड़ी आपत्ति जताई है और अधिकारियों ने कहा कि सेना सीमा पार से किसी भी चाल को विफल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

भारत और पाकिस्तान 25 फरवरी, 2021 से युद्धविराम का पालन कर रहे हैं।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में चीनी अध्ययन के प्रोफेसर और चीन के प्रति भारतीय नीति पर एक विचारक संस्था का हिस्सा रहे श्रीकांत कोंडापल्ली का मानना है कि पाकिस्तान को हथियारों का हस्तांतरण क्षेत्र में चीन के हितों को सुरक्षित करने की एक योजना का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के “सदाबहार” दोस्त होने और समग्र क्षेत्रीय प्रभुत्व नीति को अपनाकर भारत को संतुलित करने के अपने अक्सर घोषित रुख के अनुरूप, बीजिंग ने पाकिस्तान को अपने हथियारों की आपूर्ति बढ़ा दी है।

उन्होंने कहा, “चीन ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत की संप्रभुता संबंधी चिंताओं का उल्लंघन करते हुए 2014 में एक आर्थिक गलियारा (CPEC) शुरू किया था।”

उन्होंने कहा, “काराकोरम राजमार्ग के विस्तार के अलावा, चीन ने अपनी जल-विद्युत परियोजनाओं और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को आतंकवादी हमलों से बचाने के लिए पीओके में अनुमानित 36,000 'सुरक्षा गार्ड' भेजे हैं।” कोंडापल्ली ने कहा कि चीन POK में “समृद्ध समाज” वाले गांवों का भी निर्माण कर रहा है।

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