अडानी मामले (Adani Issue) की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की विपक्ष की मांगों के बीच लोकसभा (Lok Sabha) ने 24 मार्च को संशोधनों के साथ वित्त विधेयक, 2023 (Financial Bill 2023) पारित किया। वित्त विधेयक में कराधान और सरकारी खर्च से जुड़े अलग-अलग प्रस्ताव शामिल हैं। विधेयक को कई आधिकारिक संशोधनों के साथ पारित किया गया था। इसके अलावा बिल में 20 और धाराएं जोड़ी गई हैं।
जब सदन में विधेयक को उठाया जा रहा था, तब कई विपक्षी सदस्य अडानी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ आरोपों की एक संयुक्त संसदीय समिति की तरफ से जांच की मांग करते हुए नारेबाजी और तख्तियां लिए वेल में थे।
नारेबाजी जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। गुरुवार को बजट बिना चर्चा के ही पास कर दिया गया।
वित्त विधेयक 2023-24 में मुख्य संशोधन:
सरकार ने सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स बढ़ाया
वित्त विधेयक 2023 में संशोधन के अनुसार, ऑप्शंस की बिक्री पर STT को 1 करोड़ रुपए के टर्नओवर पर 2,100 रुपए कर दिया गया है, जो पहले 1,700 रुपए था। मतलब STT में 23.5 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की बिक्री पर, 10,000 रुपए के टर्नओवर के 1 करोड़ रुपए पर STT को बढ़ाकर 12,500 रुपए कर दिया गया है, जो 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्सेशन बेनिफिट खो सकते हैं डेट म्यूचुअल फंड
फाइनेंस बिल 2023 में प्रस्तावित किया गया है कि म्यूचुअल फंड में निवेश, जहां भारतीय कंपनी के इक्विटी शेयरों यानी डेट फंड में 35 प्रतिशत से ज्यादा का निवेश नहीं किया जाता है, उसे अब शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा।
यानी, डेट फंड्स, इंटरनेशनल फंड्स और गोल्ड फंड्स से कैपिटल गेन, उनके होल्डिंग पीरियड के बावजूद, किसी व्यक्ति के संबंधित टैक्स स्लैब पर टैक्स लगाया जाएगा।