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कांग्रेस में शुरू हुआ बदलाव का दौर, नए सदस्यों को लेनी होगी शपथ, ड्रग्स से रहना होगा दूर, लेकिन शराब को मना नहीं

संचालन समिति की करीब तीन घंटे की बैठक के बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने CWC के चुनाव के संदर्भ में हुए फैसले की जानकारी दी। उन्होंने मीडिया से कहा, "संचालन समिति ने सर्वसम्मति से तय किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकार दिया जाए कि वह कार्य समिति के सदस्य नामित करें।" उनका कहना था, "कांग्रेस के संविधान के 16 प्रावधानों और 32 नियमों में संशोधन का प्रस्ताव है"

अपडेटेड Feb 24, 2023 पर 8:02 PM
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कांग्रेस में शुरू हुआ बदलाव का दौर

कांग्रेस (Congress) की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (CWC) का चुनाव नहीं होगा, क्योंकि पार्टी की संचालन समिति ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से ये फैसला किया कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) CWC के सदस्यों को नामित कर सकते हैं। संचालन समिति की बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा (Priyanka Gandhi) मौजूद नहीं थे। सोनिया गांधी और राहुल गांधी दिन में करीब तीन बजे रायपुर पहुंचे।

संचालन समिति की करीब तीन घंटे की बैठक के बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने CWC के चुनाव के संदर्भ में हुए फैसले की जानकारी दी। उन्होंने मीडिया से कहा, "संचालन समिति ने सर्वसम्मति से तय किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकार दिया जाए कि वह कार्य समिति के सदस्य नामित करें।" उनका कहना था, "कांग्रेस के संविधान के 16 प्रावधानों और 32 नियमों में संशोधन का प्रस्ताव है।"

पार्टी के इस फैसले को लेकर काफी चर्चा है, लेकिन एक चर्चा का विषय वो भी है, जिसमें ये तय किया गया है कि कांग्रेस के हर एक नए सदस्य को ये सात शपथ लेनी होंगी।


खंड V (B) (C) के अनुसार, जो कोई भी पार्टी का सदस्य बनना चाहता है उसे ये सुनिश्चित करना होगा कि वह "अल्कोहलिक ड्रिंक और नशीले पदार्थों से दूर रहें।" लेकिन अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। इन नियम में 'अल्कोहलिक' शब्द की जगह 'नशीले पदार्थ और साइकोट्रोपिक ड्रग्स' शब्द का इस्तेमाल किया गया है। इसे लेकर अभी भी एक शंका है, क्योंकि 'अल्कोहलिक' शब्द को हटा दिया गया है, लेकिन 'intoxicant' में अल्कोहल भी शामिल हो सकता है।

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जानकारी के मुताबिक, लेकिन राहुल गांधी 'अल्कोहल' शब्द को हटाना चाहते थे, क्योंकि उन्हें लगा कि ये यथार्थवादी नहीं होगा, क्योंकि कई सदस्य पीते हैं और फिर सदस्यता पर सवाल उठाए जा सकते हैं।

इस फैसले को ड्रग्स के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई के रूप देखा जा रहा है, क्योंकि ये किसी भी नए सदस्य के लिए जरूरी शर्तों में से एक होगी। इसका मतलब है कि नए सदस्यों को या तो डोप टेस्ट कराना होगा या फिर क्लीन चिट दिखानी होगी।

इस फैसले के पीछे क्या है कारण?

इसके दो कारण हैं। पहला ये कि राहुल गांधी, जब से वह 2014 में सक्रिय राजनीति में शामिल हुए और पार्टी की बैठकों में भाग लेने लगे, उन्होंने ये बात रखी कि पार्टी को यथार्थवादी होना चाहिए और समय के साथ चलना चाहिए। उन्होंने इस तथ्य को स्वीकार किया कि ज्यादातर सदस्य शराब पीते हैं और नए सदस्यों को इस तरह के किसी नियम के तहत लाना ठीक नहीं होगा।

दूसरा कारण ये कि कांग्रेस खुद को एक ऐसी पार्टी के रूप में पेश करना चाहती है, जो युवाओं के लिए महसूस करती है और युवाओं, खासकर बेरोजगारों को प्रभावित करने वाले ड्रग्स के खिलाफ है। नए सदस्यों के लिए एक दूसरी शर्त ये भी है कि अगर वे खादी पहनते हैं, उन्हें धर्मनिरपेक्षता को मानना होगा।

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