Hemant Soren Missing: दिल्ली आवास से 'लापता' होने के दो दिन बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) मंगलवार दोपहर को राजधानी रांची में अपने आधिकारिक आवास पहुंचे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिलहाल अपने आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं। 48 वर्षीय सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय को ईमेल भेजकर सूचित किया था कि वह बुधवार 31 जनवरी को दोपहर 1 बजे अपने आवास पर अपना बयान दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री सोमवार आधी रात के बाद रांची स्थित अपने आधिकारिक आवास पहुंचे।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के एक पदाधिकारी ने बताया कि झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों को राज्य की राजधानी से बाहर नहीं जाने और राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को एक बैठक में भाग लेने को कहा गया है। एक विधायक ने कहा कि यह बैठक मौजूदा राजनीतिक स्थिति और बुधवार को मुख्ममंत्री से ED द्वारा की जाने वाली पूछताछ को लेकर रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई है।
प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम कथित जमीन धोखाधड़ी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की जांच के संबंध में पूछताछ करने के लिए सोमवार 29 जनवरी को सोरेन के दक्षिण दिल्ली स्थित 5/1 शांति निकेतन आवास पहुंची। एजेंसी 13 घंटे से अधिक समय तक वहां डेरा डाले रही। इस दौरान उन्होंने परिसर की तलाशी ली। ED ने सोरेन के दिल्ली स्थित आवास की तलाशी के बाद 36 लाख रुपये, एक BMW और कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं।
JMM नेता मनोज पांडे ने कहा, ''ये सब रणनीति है जिसका खुलासा नहीं किया जा सकता। तानाशाह से लड़ने के लिए एक पुख्ता रणनीति के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। कृपया इंतजार करें...क्या उन्होंने (भाजपा) कभी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लापता होने का मामला दर्ज़ किया था।" राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर मंगलवार को रांची के प्रमुख इलाकों में धारा-144 लागू कर दी गई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अविनाश कुमार ने पीटीआई को बताया, "हमने यह सुनिश्चित किया है कि यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रित रहे। हमने राज्य की राजधानी में इन प्रमुख प्रतिष्ठानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि लोग एकत्र नहीं हो सकें।" एक सूत्र ने बताया कि सोरेन दिल्ली से सड़क मार्ग के जरिए रांची पहुंचे हैं। सोरेन 27 जनवरी की रात को राष्ट्रीय राजधानी रवाना हुए थे। राज्य में उनके पहले से निर्धारित सरकारी कार्यक्रम बिना किसी स्पष्टीकरण के रद्द कर दिए गए थे।