Lal Bahadur Shastri Death: लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि आज, ताशकंद में हुआ था निधन, रहस्य बनकर रह गई मौत

Lal Bahadur Shastri Death Anniversary: देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 11 जनवरी को पुण्यतिथि है। 'जय जवान, जय किसान' का नारा देने वाले शास्त्री का 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में निधन हुआ था। वह अपनी साफ सुथरी छवि और सदागीपूर्ण जीवन के लिए जाने जाते हैं

अपडेटेड Jan 11, 2025 पर 9:55 AM
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Lal Bahadur Shastri Death Anniversary: पंडित जवाहर लाल नेहरू के देहांत के बाद लाल बहादुर शास्त्री करीब डेढ़ साल भारत के प्रधानमंत्री रहे।

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि 11 जनवरी को मनाई जाती है। अपनी साफ-सुथरी छवि और सादगी के लिए मशहूर शास्त्री ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद 9 जून 1964 को प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया था। शास्त्री करीब 18 महीने तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई थी।

लाल बहादुर शास्त्री का कार्यकाल बेहद छोटा था, लेकिन इस दौरान उन्होंने अपने सरल स्वभाव और मजबूत इच्छाशक्ति के दम पर कई मिसालें कायम कीं। उन्होंने मुश्किल समय में देश की सत्ता संभाली थी और चुनौतियों का डटकर सामना किया था। यहां हम उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्से बता रहे हैं।

ताशकंद समझौते से नाराज थीं शास्त्री की पत्नी


ताशकंद समझौते के बाद शास्‍त्री दबाव में थे। जानकारों का कहना है कि पाकिस्‍तान को हाजी पीर और ठिथवाल वापस देने की वजह से देश में शास्त्री की आलोचना हो रही थी। तब सीनियर जर्नलिस्ट कुलदीप नैयर उनके मीडिया सलाहकार थे। नैयर ने ही शास्‍त्री के मौत की खबर उनके परिजनों को बताई थी। बीबीसी को दिए इंटरव्‍यू में उन्‍होंने कहा था कि हाजी पीर और ठिथवाल को पाकिस्‍तान को दिए जाने से शास्‍त्री की पत्‍नी खासी नाराज थीं। यहां तक उन्‍होंने शास्‍त्री से फोन पर बात करने से भी मना कर दिया था। इस बात से शास्‍त्री को बहुत चोट पहुंची थी। अगले दिन जब शास्‍त्री के मौत की खबर मिली तो पूरे देश के साथ वह भी हैरान रह गई थीं। कई लोग जहां दावा करते हैं कि शास्‍त्री जी को जहर देकर मारा गया। तो, वहीं कुछ लोग कहते हैं उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।

9 बार गए थे जेल

पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। उन्होंने काशी विद्यापीठ से पढ़ाई की थी। इसके बाद 1928 में उनकी शादी ललिता से हुई थी। दोनों के कुल 6 बच्चे थे, जिनमें दो बेटियां कुसुम और सुमन और चार बेटे हरिकृष्ण, अनिल, सुनील और अशोक। साल 1930 में 'नमक सत्याग्रह' की वजह से वह ढाई साल तक जेल में रहे। फिर स्वतंत्रता आंदोलन के कारण उन्हें एक साल जेल की सजा हुई। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें चार साल तक जेल में रहना पड़ा। इसके बाद 1946 में वह जेल से रिहा हुए। आजादी की लड़ाई के दौरान वह 9 बार जेल गए।

जय जवान, जय किसान का दिया नारा

पंडित नेहरू के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने। उन्होंने देश के लिए जय जवान जय किसान का नारा दिया। पंडित नेहरू के निधन के बाद पीएम पद की दौड़ में मोरारजी देसाई और लाल बहादुर शास्त्री का नाम सबसे आगे था, लेकिन शास्त्री जी को प्रधानमंत्री के तौर पर चुना गया। उन्होंने अपने कार्यकाल में देश की विकास यात्रा को आगे बढ़ाया।

देश से एक समय भूखे रहने की अपील की

पाकिस्तान से युद्ध के समय ही देश में अनाज की भारी कमी थी। देश का हौसला बढ़ाने के लिए शास्त्री जी ने 'जय जवान, जय किसान ' का नारा दिया था। इसके साथ उन्होंने अनाज की कमी से जूझ रहे देश की हालत सुधारने के लिए लाने के लिए लोगों से एक समय भूखे रहने की अपील भी की थी। शास्त्री जी की अपील को पूरे देश ने माना।

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First Published: Jan 11, 2025 9:47 AM

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