आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शुक्रवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के सामने रेगुलर जमानत की अपील की है। राजधानी की शराब आबकारी नीति (Delhi Excise Policy) में कथित अनियमितताओं को लेकर इस हफ्ते पूर्व-मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल सरकार की कैबिनेट और डिप्टी-सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप करने से इनकार करने के बाद अब वे निचली अदालत में चले गए। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यहां आने से पहले उनके पास हाई कोर्ट जाने का कानूनी उपाय था।
अदालत नाराजगी जताते हुए कहा, "हम इस तरह के मामले में पहली बार में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं। आप अपने सभी प्वाइंट हाई कोर्ट के सामने रख सकते हैं।" कोर्ट ने कहा, "... आपके पास पूरे वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हैं। आप गिरफ्तारी के खिलाफ और जमानत के लिए सीधे इस अदालत में आए हैं। हम इसे यहां कैसे मानेंगे?"
सिसोदिया के पास दिल्ली सरकार के आबकारी और शिक्षा विभागों कार्यभार था। उन्होंने ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से उनकी याचिका खारिज करने के कुछ घंटे बाद इस्तीफा दे दिया था। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में नौ महीने से शहर की तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी इस्तीफा दे दिया था।
अपने इस्तीफे के समय मनीष सिसोदिया के पास राष्ट्रीय राजधानी में 33 में से 18 विभाग थे।
केंद्रीय जांच ब्यूरो की आठ घंटे तक पूछताछ के बाद रविवार रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। CBI ने कहा कि उन्हें एजेंसी के सवालों के टालमटोल वाले जवाबों को लेकर गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को सिसोदिया को CBI की पांच दिन की हिरासत में भेज दिया था।
सिसोदिया की गिरफ्तारी की AAP और दूसरे विपक्षी नेताओं ने जमकर आलोचना की है, जिन्होंने केंद्र पर प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए अपने दायरे में जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। AAP प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस हफ्ते BJP पर जमकर निशाना साधा।