जम्मू कश्मीर के DGP के बयान पर क्यों भड़कीं महबूबा मुफ्ती? क्षेत्रीय दलों ने की पुलिस अधिकारी को हटाने की मांग

DGP के इस बयान पर जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं ने काफी आलोचना की है। इन नेताओं ने पुलिस की शीर्ष अधिकारी के इस बयान को स्क्रिप्टेड बताया, बल्कि उन्हें पद से हटाने की मांग भी की है। स्वैन ने कहा कि आतंकवाद में शामिल होने वाले लोगों को खत्म करने की तो अनुमति दी गई, लेकिन भर्ती करने और आतंकी फाइनेंस के लिए जिम्मेदार लोगों की कभी जांच नहीं की गई

अपडेटेड Jul 16, 2024 पर 4:16 PM
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जम्मू कश्मीर के DGP के बयान पर क्यों भड़कीं महबूबा मुफ्ती? क्षेत्रीय दलों ने की पुलिस अधिकारी को हटाने की मांग

पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने कहा है कि जम्मू कश्मीर जब आतंकवाद की चपेट में था, तब पाकिस्तान ने नागरिक समाज के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं में घुसपैठ की थी। मुख्यधारा की पार्टियां राजनीतिक लाभ के लिए आतंकी नेटवर्क के नेताओं को पाल रही थीं। IIM जम्मू में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय नेताओं के लिए मारे गए आतंकवादियों के घरों का दौरा करना और खुलआम उनके प्रति सहानुभूति जताना एक आम बात हो गई थी। उनके इस बयान से अब एक राजनीतिक बवाल मच गया है।

DGP के इस बयान पर जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं ने काफी आलोचना की है। इन नेताओं ने पुलिस की शीर्ष अधिकारी के इस बयान को स्क्रिप्टेड बताया, बल्कि उन्हें पद से हटाने की मांग भी की है।

DGP ने कहा, "घाटी में तथाकथित मुख्यधारा या क्षेत्रीय राजनीति की बदौलत पाकिस्तान ने सिविल सोसायटी के सभी अहम पहलुओं में बहुत अच्छी तरह से घुसपैठ कर ली थी।"


जमीयत-ए-इस्लामी का नाम लेकर बोले DGP

स्वैन ने कहा कि आतंकवाद में शामिल होने वाले लोगों को खत्म करने की तो अनुमति दी गई, लेकिन भर्ती करने और आतंकी फाइनेंस के लिए जिम्मेदार लोगों की कभी जांच नहीं की गई।

DGP ने कहा कि जमीयत-ए-इस्लामी ने आतंकवादियों को धार्मिक और वैचारिक समर्थन दिया। उन्होंने कहा, "ये एक खुला रहस्य था कि जमीयत नेटवर्क न केवल स्थिति को सामान्य करने के सरकारी कोशिशों को खराब करने में सक्षम था, बल्कि उसके पास एक आतंकी वित्त नेटवर्क भी था, जिसने सड़क पर विरोध प्रदर्शन जुटाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।"

उन्होंने कहा, “SP रैंक के अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया और आतंकवादियों के साथ जेलों में डाल दिया गया, उन अपराधों के लिए जो उन्होंने कभी किए ही नहीं थे। 2014 में शोपियां में दो लड़कियों, नीलोफर और आसिया की दुर्घटना में डूबने की घटना को कथात्मक आतंकवाद की ओर से अपहरण की अनुमति दी गई थी, जिसने घाटी को कई हफ्तों की हड़तालों, आगजनी और दंगों के साथ बंधक बना लिया था।”

राजनीति फायदे के लिए किया गया से सब

अधिकारी ने दावा किया कि CBI की विस्तृत जांच ने बिना किसी शक के साबित कर दिया कि ये सरासर झूठ था, जिसे AIIMS फोरेंसिक ने वेरिफाई किया था।

उन्होंने कहा, "वो एक हादसा था। हालात ऐसे हो गए थे कि तथाकथित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए आतंकवादी नेटवर्क और कभी-कभी सीधे तौर पर उनके नेताओं को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया था।”

जम्मू-कश्मीर के नेताओं की प्रतिक्रिया

पुलिस अधिकारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, PDP प्रमुख महेबूबा मुफ्ती ने कहा, “पिछले छह सालों में बीजेपी की कहानी रही है। सब कुछ उनके नियंत्रण में है। यहां तक ​​कि हुर्रियत नेता भी सलाखों के पीछे हैं। फिर वे यहां क्या कर रहे हैं? पिछले छह साल में क्या किया? अब वे अपनी नाकामी को क्षेत्रीय पार्टियों के पीछे छिपाना चाहते हैं। उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए।”

जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (JKPC) के नेता सज्जाद लोन ने भी शीर्ष पुलिस अधिकारी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी और कहा, “मुख्यधारा की पार्टियों को लेकर DG J&K पुलिस की ये टिप्पणियां ठीक नहीं हैं। यहां तक ​​कि एक बुनियादी, अल्पविकसित लोकतंत्र में भी एक सेवारत पुलिस अधिकारी की तरफ से इस तरह की बातें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।”

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