केंद्र सरकार मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान 'एक देश, एक चुनाव' विधेयक लाने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि जब इसे लाया जाएगा, तो संभावना है कि इसे और भी ज्यादा परामर्श और विचार विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाएगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' (ONOP) विधेयक पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा और सभी विधान सभाओं के अध्यक्षों को चर्चा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
CNN-News18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि हालांकि, सरकार को अभी इस पर निर्णय लेना है कि यह एक व्यापक विधेयक होगा या कई विधेयक होंगे, जिनमें संवैधानिक संशोधन का सुझाव भी शामिल होगा।
मोदी कैबिनेट प्रस्ताव को दे चुकी है मंजूरी
सितंबर में, केंद्रीय कैबिनेट ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, जिसका मकसद लोकसभा और राज्य चुनाव एक साथ कराना है। सरकार के मुताबिक, इस कदम से खर्चों में कमी आएगी और मतदान प्रक्रिया में तार्किक रुकावटें भी कम होंगी।
ऐसी चर्चा थी कि प्रस्ताव से संबंधित विधेयक शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है, लेकिन केंद्र इसे आगे बढ़ाने से पहले आम सहमति बनाने का इच्छुक था।
पूरे देश में दो चरणों में होंगे चुनाव
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक हाई लेवल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय कैबिनेट को सौंपी थी। विपक्षी दलों से बातचीत के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अर्जुन राम मेघवाल और किरण रिजिजू को नियुक्त किया गया था।
कैबिनेट के फैसले की घोषणा करते हुए सरकार ने कहा था कि ONOP को कोविंद समिति की सिफारिश के अनुसार दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की योजना है।
दूसरे चरण में आम चुनाव के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव (पंचायत और नगर पालिकाएं) होंगे। साथ ही, एक कॉमन वोटर लिस्ट और एक इंप्लीमेंटेशन ग्रुप बनाने की भी योजना है।