Lok Sabha Speaker Election: पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार (25 जून) को दावा किया कि लोकसभा स्पीकर पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस सांसद के. सुरेश की उम्मीदवारी के बारे में उनकी पार्टी से सलाह नहीं ली गई। लोकसभा स्पीकर पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच मंगलवार को आम-सहमति नहीं बन सकी। अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार तथा BJP सांसद ओम बिरला का मुकाबला कांग्रेस के कोडिकुन्नील सुरेश के साथ होगा।
ओम बिरला और के. सुरेश ने मंगलवार को NDA और विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। स्पीकर के लिए के. सुरेश की उम्मीदवारी को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमसे इस बारे में कोई संपर्क नहीं किया गया, कोई बात नहीं हुई। दुर्भाग्य से ये एकतरफा फैसला है।"
लोकसभा स्पीकर के चुनाव में उतरने के लिए विपक्ष ने आखिरी समय में तब फैसला लिया जब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी इस पूर्व शर्त को नहीं माना कि NDA के उम्मीदवार बिरला का समर्थन करने के ऐवज में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. को डिप्टी स्पीकर पद दिया जाना चाहिए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संसद भवन स्थित कार्यालय में विपक्ष की ओर से कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और DMK के टी आर बालू ने सिंह, गृह मंत्री अमित शाह तथा स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस मुद्दे पर आम-सहमति बनाने के उद्देश्य से बातचीत की। हालांकि, दोनों पक्ष अपने रुख पर अड़े रहे और कोई नतीजा नहीं निकला।
पिछली लोकसभा में भी स्पीकर रह चुके बिरला को NDA की तरफ से सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया गया है। बिरला ने नामांकन दाखिल करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। वेणुगोपाल और बालू इस पद के लिए NDA उम्मीदवार का समर्थन करने से इनकार करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से बाहर आ गए। वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को देने की प्रतिबद्धता नहीं जताई।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार के नाम पर सर्व सम्मति होती तो बेहतर होता। उन्होंने इस संबंध में शर्तें रखने के लिए विपक्ष की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को शर्तों पर नहीं चलाया जा सकता।