Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू, PM मोदी ने डाला वोट, 4800 सांसद एवं विधायक करेंगे मतदान
राष्ट्रपति चुनाव में NDA की ओर से द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं। द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं। उन्होंने इससे पहले 2015 से 2021 तक झारखंड के नौवें राज्यपाल के रूप में कार्य किया है। अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव में जीतती हैं तो वे राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी
विपक्ष की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है
President Election 2022 Live Updates: राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 16वें राष्ट्रपति चुनाव में संसद में अपना वोट डाला। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए लखनऊ में मतदान किया।
देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज सोमवार को करीब 4,800 निर्वाचित सांसद एवं विधायक मतदान करेंगे। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की स्थिति विपक्ष के यशवंत सिन्हा की तुलना में स्पष्ट रूप से मजबूत है और उनके पक्ष में 60 प्रतिशत से अधिक मत पड़ने की संभावना है।
मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभाओं के भवनों में होगा, जिसके लिए मतपेटियां पहले ही अपने गंतव्यों तक पहुंच चुकी हैं। मतगणना 21 जुलाई को होगी और अगले राष्ट्रपति द्वारा 25 जुलाई को शपथ ग्रहण की जाएगी।
द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी
बीजू जनता दल (बीजद), वाईएसआर कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक), जनता दल (सेक्लुयर), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), शिरोमणि अकाली दल (शिअद), शिवसेना और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जैसे क्षेत्रीय दलों के समर्थन के साथ राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की उम्मीदवार मुर्मू की वोट हिस्सेदारी करीब दो-तिहाई पहुंच सकती है। इसके साथ ही वह इस शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला बन सकती हैं।
Delhi | Prime Minister Narendra Modi casts his vote in the 16th Presidential election, at the Parliament. pic.twitter.com/XMKXUWDfvL
राजग की उम्मीदवार के पास अब कुल 10,86,431 मतों में से 6.67 लाख से अधिक वोट हैं। मुर्मू की वोट हिस्सेदारी 61 प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है, जिसके नामांकन पत्र दाखिल करने के समय करीब 50 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा था।
आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में निर्वाचित सांसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। मनोनीत सांसद एवं विधायक और विधान परिषद के सदस्य इस चुनाव में मतदान करने के हकदार नहीं हैं।
सांसद का मत मूल्य
संसद के एक सदस्य का मत मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है, क्योंकि जम्मू कश्मीर में अभी कोई विधानसभा नहीं है। विभिन्न राज्यों में विधायकों का मत मूल्य अलग-अलग होता है। उत्तर प्रदेश के 403 विधायकों में से प्रत्येक का मत मूल्य 208 है, यानी उनका कुल मूल्य 83,824 है। तमिलनाडु और झारखंड के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य 176 है। इसके बाद महाराष्ट्र का 175, बिहार का 173 और आंध्र प्रदेश के हरेक विधायक का मत मूल्य 159 है।
छोटे राज्यों में सिक्किम के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य सात है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का मत मूल्य आठ-आठ, नगालैंड का नौ, मेघालय का 17, मणिपुर का 18 और गोवा का मत मूल्य 20 है। केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी के एक विधायक का मत मूल्य 16 है।
EVM का नहीं होता है इस्तेमाल
राष्ट्रपति पद के चुनाव के साथ-साथ उपराष्ट्रपति, राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) का उपयोग नहीं किया जाता। ईवीएम एक ऐसी तकनीक पर आधारित हैं, जिसमें वे लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसे प्रत्यक्ष चुनावों में मतों को संग्रह करने का काम करती हैं। मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने वाले बटन को दबाते हैं और जो सबसे अधिक वोट प्राप्त करता है उसे निर्वाचित घोषित किया जाता है।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, राष्ट्रपति चुनाव के तहत मतदान के दौरान सांसदों और विधायकों को अलग-अलग रंग के मतपत्र दिए जाएंगे। सांसदों को जहां हरे रंग के मतपत्र दिए जाएंगे, वहीं विधायकों को गुलाबी रंग के मतपत्र मिलेंगे। चूंकि अलग-अलग रंग के मतपत्र होंगे, लिहाजा निर्वाचन अधिकारियों को मतों की गिनती करने में आसानी होगी।
मतदान की गोपनीयता को बरकरार रखने के लिए निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारियों को मतदाताओं को अपने मत पत्रों पर निशान लगाने के लिए बैंगनी स्याही वाली एक खास तरह की कलम उपलब्ध कराई हैं।