लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि सदन में 'चक्रव्यूह' वाले भाषण के बाद उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी की तैयारी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वह ED के लोगों का दिल खोलकर इंतजार कर रहे हैं और उन्हें अपनी तरफ से चाय-बिस्कुट भी ऑफर करेंगे। सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं ने राहुल के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी, किसी ने उनको 'बेल पर बाहर' बताया, तो किसी ने उनके नेता प्रतिपक्ष होने को 'देश का दुर्भाग्य' करार दिया।
दरअसल कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट किया, "जाहिर है कि ‘2 इन 1’ को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण अच्छा नहीं लगा। ED के अंदरूनी सूत्रों ने बताया है कि छापेमारी की तैयारी हो रही है। मैं ED का दिल खोलकर इंतजार कर रहा हूं। मेरी तरफ से चाय और बिस्कुट।"
इसी से जुड़े एक और घटनाक्रम में, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने "भाजपा सरकार की तरफ से राजनीतिक उत्पीड़न के लिए ED, CBI और इनकम टैक्स विभाग जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने" पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
बेल पर बाहर हैं राहुल गांधी: केंद्रीय मंत्री
राहुल के इस दावे पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, "वह पहले से ही जमानत पर हैं, अगर जमानत रद्द हुई, तो उन्हें वैसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। अगर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा, अगर कोई भ्रष्टाचार नहीं है, तो कुछ नहीं होगा।"
वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "मैं मानता हूं कि यह देश का दुर्भाग्य है कि राहुल गांधी LoP हैं। वह संसद के अंदर झूठ बोलने के साथ-साथ बाहर भी दुष्प्रचार कर रहे हैं। उन्हें शर्म आती है? वह पूरी दुनिया की जाति पूछते हैं।"
लोकसभा में राहुल ने दिया 'चक्रव्यूह' वाला बयान
राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए केंद्र सरकार पर हिंदुस्तान को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसाने का आरोप लगाया था और कहा था कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा।
उन्होंने यह दावा भी किया था कि इस बजट में चंद पूंजीपतियों के एकाधिकार और लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने वाले राजनीतिक एकाधिकार को मबजूती दी गई है, जबकि युवाओं, किसानों और मध्यम वर्ग को नजरअंदाज कर दिया गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि ‘INDIA’ गठबंधन सत्ता में आने पर जाति आधारित जनगणना (Caste Census) कराएगा और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी भी देगा।