Simranjit Singh Controversial Remarks: पंजाब के पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने गुरुवार को BJP सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत के खिलाफ भद्दा बयान देकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया। शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) नेता ने ये बयान कंगन के उस आरोप पर दिया, जिसमें मंडी से लोकसभा सांसद ने आरोप लगाया था कि किसान आंदोलन के दौरान "बलात्कार" हुए थे। हालांकि, बीजेपी ने कंगना के इस बयान से दूरी बना ली थी और उन्हें समान भी जारी किया गया है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, संगरूर के पूर्व सांसद ने कहा, "आप उनसे (कंगना रनौत) पूछ सकते हैं कि बलात्कार कैसे होता है ताकि लोगों को समझाया जा सके कि बलात्कार कैसे होता है। उन्हें रेप का बहुत तजुर्बा है।"
दरअसल किसान आंदोलन पर बीजेपी सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के बयान पर सिमरनजीत सिंह मान से करनाल में पत्रकारों ने जब सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मैं यह नहीं कहना चाहता लेकिन उनको रेप का बहुत तजुर्बा है और आप पूछ सकते हैं, ताकि लोगों को समझाया जा सके कि बलात्कार कैसे होता है।"
BJP आलाकमान का कांगना को समन
वहीं किसान आंदोलन पर विवादित टिप्पणी के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से हिदायत मिलने के कुछ दिनों बाद कंगना रनौत ने गुरुवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके घर पर मुलाकात की।
अपने बयान को लेकर विवाद होने के बाद यह दूसरा मौका है, जब कंगना ने बीजेपी अध्यक्ष से मुलाकात की। उन्होंने इस हफ्ते की शुरुआत में किसान आंदोलन पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के साथ विवाद खड़ा कर दिया था।
कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर क्या कहा?
कंगना ने एक इंटरव्यू में कथित तौर पर कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे और वहां बलात्कार और हत्याएं हो रही थीं।
इस इंटरव्यू की एक क्लिप ‘X’ पर भी उन्होंने शेयर किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता, तो भारत में भी ‘बांग्लादेश जैसी स्थिति’ पैदा हो सकती थी।
उन्होंने यह भी दावा किया कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान "लाशें लटकी थी और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही थीं।" उन्होंने ‘षड्यंत्र’ में चीन और अमेरिका के शामिल होने का आरोप लगाया।
उनके इस बयान पर विवाद होने के बाद बीजेपी ने रनौत के बयान से असहमति जताते हुए किनारा कर लिया था। पार्टी ने मंडी की सांसद को हिदायत भी दी कि वह इस तरह के कोई बयान भविष्य में न दें।
इसके बाद, कांग्रेस ने हमलावर रुख अख्तियार करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी से कहा था कि अगर वह वास्तव में रनौत के विचारों से असहमत है, तो उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाए।