Ram Mandir Inauguration: 500 साल के लंबे इंतजार के बाद 22 जनवरी को भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। इसके बाद मंदिर के द्वार आम जनता के लिए खोल दिए जाएंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का दावा है कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक इतना भव्य और बड़ा मंदिर नहीं बना है। देश में बहुत से बड़े मंदिर हैं, जहां भक्तों के लिए कई तरह के नियम और कानून लागू हैं, जैसे ड्रेस कोड, परिधान और भी बहुत कुछ। राम मंदिर (Ram Mandir) को लेकर भी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां भक्तों के लिए किस तरह का ड्रेस कोड (Dress Code) लागू होगा।
मंदिरों में ड्रेस कोड का कल्चर ज्यादातर दक्षिण भारत में देखने को मिलता है, लेकिन हाल ही में उत्तर भारत के भी कई बड़े मंदिरों में महिलाओं और पुरुषों के लिए भी ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। इसका ताजा उदाहरण है उज्जैन का महाकाल मंदिर। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में अब पुरुषों के लिए धोती-सोला और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य होगा। ऐसे में बिना साड़ी और धोती-कुर्ता के अन्य परिधानों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
वहीं अगर राम मंदिर की बात की जाए, तो फिलहाल यहां आधिकारिक तौर पर कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है, लेकिन मंदिर में आने वाले भक्तों का शरीर ढंका होना चाहिए और कोई अंग प्रदर्शन भी नहीं होना चाहिए।
राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता की मानें तो राम मंदिर में भारतीय परंपरा के साथ ड्रेस पहनकर ही मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। कोई भी ड्रेस कोड यहां पर लागू नहीं किया गया है।
मतलब साफ है कि लड़का हो लड़की हो या फिर महिला हो या पुरुष, फिलहाल राम मंदिर में किसी के लिए भी कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है।
इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से राम मंदिर बेहद ही संवेदनशील है। इसलिए सभी भक्तों मदिंर के लिए तय सुरक्षा मानकों और सिक्योरिटी चेक पूरा करने के बाद ही प्रवेश मिलेगा। राम मंदिर में कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक आइटम ले जाने पर एकदम रोक लगाई गई हैं
मंदिर के भीतार इन इलेक्ट्रॉनिक आइटम ले जाने पर रोक:
22 जनवरी 2024 को दोपहर 12:15 से लेकर 12:45 के बीच में प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथों से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। यहां आपको ये भी बता दें कि मंदिर के उद्घाटन के दिन यानी 22 जनवरी को आम जनता और भक्तों को अयोध्या आने की मनाही है और उस दिन आप राम मंदिर में एंट्री भी नहीं कर पाएंगे। हालांकि, इसके बाद आप कभी भी रामलला के दर्शन करने राम जन्मभूमि आ सकते हैं।