Ram Mandir Inauguration: इतिहास और आध्यात्मिकता से सराबोर अयोध्या (Ayodhya) शहर अब बदलाव के दौर से गुजर रहा है। यह कुछ-कुछ नए दौर का संकेत दे रहा है। यहां की सकरी सड़कें अब चौड़ी फोर-लेन सड़कों में बदल चुकी हैं, जिसके दोनों तरफ सूर्य स्तंभ (लैंप पोस्ट) के साथ-साथ फुटपाथ भी है। यहां मौजदू राम पथ और धर्म पथ के दृश्य आपको दिल्ली के कनॉट प्लेस या लखनऊ के हजरतगंज का अहसास दिलाएंगे। ये पथ इस बात की तरफ भी इशारा करते हैं कि अयोध्या सांस्कृतिक केंद्र के साथ-साथ अब व्यावसायिक केंद्र भी बन गया है।
धर्म पथ पर मौजूद चाय की दुकान श्री चाणक्य चाय के मालिक संजीव मौर्य इस बदलाव को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने बताया, ' यह रास्ता हमारा कनॉट प्लेस है और जल्द ही अयोध्या में यह आकर्षण का केंद्र होगा।' कोविड से पहले यह दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास ही काम करते थे। महामारी के दौरान उन्हें अपना घर लौटना पड़ा। उनके मुताबिक, यह बदलाव अयोध्यावासियों की जिंदगी के लिहाज से बेहद अहम है।
सूर्य स्तंभों की मौजूदगी से राम पथ का आर्किटेक्चर बेहद आकर्षक बन गया है। इस भव्य सड़क के साथ-साथ आपको यहां बड़ी संख्या में मल्टीनेशल कंपनियों के ब्रांड के शोरूम भी दिख जाएंगे, जो इस इलाके में मौजूद व्यावसायिक गतिविधियों की संभावना के बारे में बताता है। पिछले साल व्यावसायिक दुकानों और मकानों में तोड़-फोड़ भी की गई थी, ताकि 13 किलोमीटर लंबे राम पथ का निर्माण सुनिश्चित किया जा सके। यह प्रोजेक्ट अब पूरा होने के करीब है, जिसका बजट 798 करोड़ रुपये है।
एक साल पहले राम पथ को चौड़ा करने के दौरान इस सड़क पर मौजूद राज कुमार की मिठाई की दुकान को तोड़ दिया गया था। उनकी पत्नी गीता ने भी इस अभियान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और वह उस जेसीबी (JCB) पर भी चढ़ गई थीं, जिनसे उनका दुकान तोड़ा जाना था। हालांकि, एक साल बाद वह खुश हैं। पति-पत्नी ने मिलकर फिर से मिठाई की दुकान खोली है। गीता ने बताया, ' मेरी दुकान पहले के मुकाबले छोटी है, लेकिन मेरी इनकम बढ़ गई है। लोगों का आना-जाना बढ़ा है, लिहाजा चाय और समोसे की बिक्री भी बढ़ी है।'
राम मंदिर की तरफ जाने वाली सड़क भक्ति पथ का जुड़ाव भी राम पथ के साथ है। राम पथ के दोनों तरफ मौजूद दुकानों पर हनुमान के झंडे आपको बिकते हुए नजर आएंगे, जो इस इलाके में आध्यात्मिक माहौल का अहसास कराते हैं। अयोध्यया की यह रौनक सिर्फ दिन तक सीमित नहीं है। सूरज ढलने के बाद अयोध्या धाम, राम पथ पर जीवंत हो उठता है। हनुमान गढ़ी से लेकर लता मंगेशकर चौक तक रात में भी माहौल पूरी तरह गुलजार रहता है और लोग रात 9 बजे के बाद भी यहां आते रहते हैं।
हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी राजू दास कहते हैं, 'राम पथ अयोध्या की जीवन रेखा बन गया है। यह अयोध्या (फैजाबाद) को अयोध्या धाम से जोड़ता है। अब शहर का जीवन 13 किलोमीटर लंबे इस सड़के के इर्दगिर्द घूमता है।' अयोध्या डिवेलपमेंट अथॉरिटी (ADA) ने शहर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए विभिन्न जगहों पर 6 फुट लंबी और 6 फुट चौड़ी मूर्तियां लगाने का फैसला किया है।
तीर्थयात्रियों और सैलानियों की सुविधा के लिए अयोध्या के डीएम नीतीश कुमार ने परिवहन सुविधाओं को भी बेहतर बनाने का ऐलान किया है। धर्म पथ और राम पथ पर इलेक्ट्रकि बसें चलेंगी और 15 जनवरी को 100 इलेक्ट्रिक बसों का उद्घाटन किया जाएगा। इसके अलावा, ई-रिक्शा भी चलेंगे, ताकि अयोध्या में कनेक्टिविटी की समस्या न हो।
अयोध्या का यह बदलाव न सिर्फ भौतिक है, बल्कि यह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक बदलाव की तरफ भी इशारा करता है, जो यहां के निवासियों, उद्यमियों और साधु-संतों की भावनाओं को प्रतिबिंबित करता है। राम पथ और धर्म पथ अयोध्या के एक ऐसे शहर में बदलने का प्रतीक हैं, जो अपनी परंपराओं का सम्मान करते हुए बेहतर भविष्य के लिए आधुनिकता को भी स्वीकार करने को तैयार है।