RBI Monetary Policy : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 7 जून को एमपीसी कमेटी की प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि 7.3 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7.2 फीसदी तीसरी तिमाही में 7.3 फीसदी और अंतिम तिमाही में 7.2 फीसदी रहने की संभावना है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 7 जून को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रियल जीडीपी का अनुमान 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि अगर चालू वर्ष के लिए विकास अनुमान सही साबित होता है, तो यह 7 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ का लगातार चौथा साल होगा।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, "वित्त वर्ष 2025 में घरेलू आर्थिक गतिविधि मजबूत बनी रहेगी। भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई मजबूती दिखा रहा है और यह वर्तमान में ग्लोबल स्तर पर सबसे मजबूत स्थिति में है।"
शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि निजी खपत में सुधार हो रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्रामीण मांग में सुधार को कृषि गतिविधियों से बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान से खरीफ उत्पादन में सुधार की उम्मीद है।
खाद्य मुद्रास्फीति अभी भी ऊंचे स्तर पर
इस बीच, केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने यह भी कहा है कि मार्च-अप्रैल में सीपीआई की मुख्य दर में और नरमी आई है, लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति अभी भी ऊंची बनी हुई है।
लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार
आरबीआई गवर्नर ने इस वार्ता के दौरान ये भी बताया कि 7 जून को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति में एमपीसी ने 4:2 के बहुमत से लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने एकोमोडेटिव रुख (accommodation stance)को वापस लेने का फैसला लिया है।
आरबीआई हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार
श्री शक्तिकांत दास ने कहा, "विश्व में संकट का सिलसिला जारी है, लेकिन भारत में मजबूत ग्रोथ देखने को मिल रही है। लेकिन हमें नई चुनौतियों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। निरंतर हाई ग्रोथ की उज्ज्वल संभावनाएं दिख रही हैं। आरबीआई भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने के लिए भविष्य के लिए तैयार रहेगा।"