संभाल मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। शीर्ष अदालत ने मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा और साथ ही ट्रायल कोर्ट को भी मामला आगे नहीं बढ़ाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया कि जब तक संभल मस्जिद की शाही ईदगाह कमेटी हाईकोर्ट नहीं जाती, तब तक मामले को आगे न बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एडवोकेट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को अपने सामने लंबित रखा और मामले को 6 जनवरी, 2025 से शुरू होने वाले हफ्ते में सुनवाई के लिए पोस्ट किया।
सुनवाई को बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया, "सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले चिंता जताई की वहां पर शांति और सद्भाव बरकरार रहे। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से कहा कि आप इस ऑर्डर को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। सुप्रीम ने ये भी कहा है कि 3 दिन के अंदर अगर आप हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हैं, तो मामला हाई कोर्ट में लिस्ट किया जाए और हाई कोर्ट के अगले निर्देश का इंतजार किया जाए। तब तक के लिए ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई रुकी रहेगी।"
मस्जिद कमेटी ने दायर की थी याचिका
अदालत का यह आदेश संभल की शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति की ओर से गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के एक दिन बाद आया, जिसमें जिला अदालत के 19 नवंबर के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें मुगलकालीन मस्जिद के सर्वे का निर्देश दिया गया था।
अदालत ने कहा, "हमें उम्मीद और विश्वास है कि ट्रायल कोर्ट तब तक कोई आगे की कार्यवाही नहीं करोगा, जब तक हाई कोर्ट की ओर से कोई आदेश पारित न हो।"
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच के आदेश में कहा गया, “जब तक मामला हाई कोर्ट के सामने लिस्ट नहीं हो जाता, तब तक कोई भी आगे की कार्यवाही पारित आदेश के अनुसार होगी। हमने मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है। अगर जरूरी हो तो पार्टियां आवेदन दायर कर सकती हैं।"
बेंच ने कहा, “हम इस स्तर पर कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं। हम इसे लंबित रखेंगे, लेकिन कृपया ध्यान रखें कि शांति और सद्भाव कायम रहे। हमें बिल्कुल न्यूट्रल रहना होगा।"
उत्तर प्रदेश के संभल में 19 नवंबर से तनाव है, जब अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वे किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि उस जगह पर पहले एक हरिहर मंदिर था।
24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी जब प्रदर्शनकारी मस्जिद के पास जमा हुए और सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए, जिसके कारण पथराव और आगजनी हुई। हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।