Sambhal Violence: संभल में 'मंदिर के ऊपर बनी है मस्जिद', किसने किया ये दावा, क्यों हुआ बवाल, क्या था कोर्ट का आदेश, जानें पूरा मामला

Sambhal Violence Updates: हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई। पुलिस ने कहा कि कल हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और एक दूसरे व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने कथित तौर पर दंगा भड़काने के आरोप में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ FIR दर्ज की है। ताजा हालात की बात करें, तो पुलिस ने कहा कि रविवार को हुई हिंसा के सिलसिले में 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है

अपडेटेड Nov 25, 2024 पर 1:47 PM
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Sambhal Violence: संभल में 'मंदिर के ऊपर बनी है मस्जिद', किसने किया ये दावा, क्यों हुआ बवाल, क्या था कोर्ट आदेश

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। सोमवार को पूरे जिले में सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं, इंटरनेट सर्विस भी सस्पेंड कर दी गई है। हिंसा में हुए जोरदार पथराव और आगजनी के बाद प्रशासन ने जिले में पत्थर और सोडा की बोतल खरीदने और उन्हें इकट्ठा करने पर भी रोक लगा दी थी। प्रशासन ने अधिकारियों के पूर्व आदेश के बिना जिले में "बाहरी लोगों" की एंट्री पर भी रोक लगा दी है।

हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई। पुलिस ने कहा कि कल हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और एक दूसरे व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने कथित तौर पर दंगा भड़काने के आरोप में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ FIR दर्ज की है।

ताजा हालात की बात करें, तो पुलिस ने कहा कि रविवार को हुई हिंसा के सिलसिले में 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है।


हथियार भी हुए बरामद

SP कृष्ण कुमार ने बताया, हिरासत में लिए गए लोगों के पास से कई तरह के हथियार बरामद हुए, जिनमें नखासा थाना क्षेत्र की रहने वाली दो महिलाएं भी शामिल हैं। उनके घर से ही गोलीबारी हुई।

पुलिस के मुताबिक, हिंसा के दौरान कई लोग घायल हुए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर बवाल हुआ। सर्वे के दौरान हुई हिंसा में भीड़ की ओर से नारे लगाए जा रहे थे, पुलिस पर पत्थर फेंके गए, यहां तक की निगरानी के लिए ड्रोन लगाया गया था उस पर भी पथराव हुआ। बेकाबू भीड़ ने गाड़ियों को आग के हवाले कर, जिसके बाद पुलिस ने लोगों खदेड़ने के लिए टीयर गैस का इस्तेमाल किया।

पुलिस के मुताबिक, सर्वे टीम सुबह-सुबह घटनास्थल पर पहुंची और अपना काम शुरू किया, तभी स्थानीय लोग बाहर जमा हो गए, जिससे इलाके में हिंसा फैल गई। दरअसल मस्जिद को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है और एक पक्ष का ये दावा है कि ये मस्जिट हरिहर मंदिर के ऊपर बनी है।

क्यों जल रहा है संभल?

आगे बढ़ने से पहले आइए जानते कि आखिर इस मस्जिद को लेकर क्या विवाद है और इसका सर्वे कराने का आदेश कहां से आया?

दरअसल एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार (19 नवंबर) को सर्वे का आदेश दिया था। आदेश उस एक याचिका के बाद आया था, जिसमें ये दावा किया गया कि 1526 में मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को तोड़ दिया गया था। यह आदेश चंदौसी में संभल के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह की अदालत की ओर से पारित किया गया था।

याचिका मंगलवार दोपहर को दायर की गई थी, और कुछ ही घंटों के भीतर, जज ने एक एडवोकेट कमिशन नियुक्त किया और उसे मस्जिद में शुरुआती सर्वे करने का निर्देश दिया, जो उसी दिन किया गया था। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि सर्वे की एक रिपोर्ट 29 नवंबर तक उसके सामने दाखिल की जाए।

चंदौसी में जामा मस्जिद क्या है?

जामा मस्जिद "एक संरक्षित स्मारक है", जिसे 22 दिसंबर, 1920 को प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम, 1904 के सेक्शन 3, सब-सेक्शन (3) के तहत नोटिफाई किया गया था। इसे केंद्रीय संरक्षित स्मारकों की लिस्ट में "ASI, आगरा सर्कल मोरादाबाद डिवीजन की वेबसाइट पर राष्ट्रीय महत्व और आंकड़ों के स्मारक के रूप में घोषित किया गया है।"

किसने दर्ज कराया केस?

संभल कोर्ट में कुल आठ याचिकाकर्ताओं ने केस दाखिल किया है। इनमें वकील हरि शंकर जैन भी शामिल हैं, जो ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ विवाद में भी वकील हैं; वकील पार्थ यादव और संभल में कल्कि देवी मंदिर के महंत महंत ऋषिराज गिरी। दूसरे याचिकाकर्ता नोएडा के रहने वाले वेद पाल सिंह हैं, संभल के रहने वाले राकेश कुमार, जीतपाल यादव, मदनपाल और दीनानाथ हैं।

याचिका में दावा किया गया है कि संभल शहर के मध्य में भगवान कल्कि को समर्पित "सदियों पुराना श्री हरि हर मंदिर है, जिसका उपयोग जामा मस्जिद समिति की ओर से जबरन और गैरकानूनी तरीके से किया जा रहा है।"

याचिका में क्या दावा किया गया?

याचिका में कहा गया है कि "संभल एक ऐतिहासिक शहर है और इसका अद्वितीय महत्व हिंदू शास्त्रों में गहराई से निहित है, जिसके अनुसार यह पवित्र स्थान है, जहां भविष्य में कल्कि के रूप में जाना जाने वाला भगवान विष्णु का अवतार प्रकट होगा, एक दिव्य आकृति अभी तक प्रकट नहीं हुई है।"

'ऐतिहासिक तथ्य' के नाम से इस याचिका में कहा गया, “कल्कि को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना जाता है, जो कलयुग में आने वाले हैं। ऐसा माना जाता है कि उनका अवतरण अंधेरे और अशांत कलयुग के अंत का प्रतीक है, जो अगले युग की शुरुआत है, जिसे सतयुग के नाम से जाना जाता है।"

याचिका में कहा गया है कि हिंदू धर्मग्रंथ इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्राचीन काल में भगवान विष्णु और भगवान शिव से युक्त एक अद्वितीय 'विग्रह' प्रकट हुआ था और इसी कारण से इसे 'श्री हरि हर' मंदिर कहा जाता है। इसमें कहा गया है कि 'संभल का श्री हरि हर मंदिर सृष्टि के आरंभ में स्वयं भगवान विश्वकर्मा द्वारा बनाया गया था।'

बाबर के लेफ्टिनेंट ने तोड़ा मंदिर: याचिका

इसमें आगे कहा गया है कि बाबर ने 1526 ईस्वी में भारत पर आक्रमण किया और "इस्लाम की ताकत दिखाने के लिए कई हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया ताकि हिंदुओं को यह महसूस हो कि वे इस्लामी शासक के अधीन हैं।"

याचिका में कहा गया है कि "1527-28 में बाबर सेना के लेफ्टिनेंट हिंदू बेग ने संभल में श्री हरि हर मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था" और "मुसलमानों ने मस्जिद के रूप में इस्तेमाल करने के लिए मंदिर की इमारत पर कब्जा कर लिया।"

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि स्मारक प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित है और अधिनियम की धारा 18 के तहत, जनता को "संरक्षित स्मारक तक पहुंच का अधिकार" है।

सपा सांसद ने क्या कहा?

याचिका में कहा गया है कि "ASI विषय संपत्ति पर नियंत्रण रखने में विफल रहा है और वे कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं"। इसमें कहा गया है, "ASI के अधिकारी मूक दर्शक बने हुए हैं और उन्होंने मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के दबाव के आगे घुटने टेक दिए हैं।"

जामा मस्जिद के सर्वे पर प्रतिक्रिया देते हुए, संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने कहा, “बाहरी लोगों ने अदालत में इस तरह की याचिका दायर करके जिले के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि 1991 के पूजा अधिनियम के अनुसार, 1947 में मौजूद सभी धार्मिक स्थल अपने वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे। संभल में जामा मस्जिद एक ऐतिहासिक स्थल है, जहां मुसलमान कई सदियों से नमाज अदा करते आ रहे हैं। अगर हमें स्थानीय अदालत से संतोषजनक आदेश नहीं मिलता है, तो हमें हाई कोर्ट में अपील करने का अधिकार है।''

अभी कैसे हैं संभल के हालात?

संभल, DIG, मुरादाबाद रेंज, मुनिराज जी ने कहा, "संभल में मौजूदा स्थिति शांतिपूर्ण है। महत्वपूर्ण जगहों पर पुलिस तैनात की गई है। पिछली रात, हमने तीन मौतों की पुष्टि की थी, लेकिन आज मुरादाबाद में इलाज के दौरान एक और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। कुल 4 मौतें हुई हैं। हालात को देखते हुए हम इंटरनेट पर से सस्पेंशन हटा देंगे। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मैं संभल के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।"

SP कृष्ण कुमार ने कहा, “पुलिस ने पैलेट गन का इस्तेमाल किया है। ऐसे किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया, जो किसी की जान ले सके। 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनके पास से कई तरह के हथियार बरामद किये गए हैं। जिस जगह पर गोलीबारी हुई, वहां अलग-अलग बोर के कई खोखे बरामद किए गए हैं।”

हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से हथियार भी बरामद किए गए हैं। एसपी ने कहा, "नखासा थाना क्षेत्र के एक घर से गोलीबारी हुई, जहां से दो महिलाओं को हिरासत में लिया गया है।" पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों के मोबाइल की जांच की जा रही है. ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई साजिश थी या नहीं।

हिंसा में 20 पुलिसकर्मी और चार प्रशासनिक अधिकारी घायल हो गए हैं। एक सिपाही के सिर में गंभीर चोट लगी और एक डिप्टी कलेक्टर का पैर टूट गया।

Sambhal Violence Live: संभल में हिंसा भड़काने के आरोप में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर FIR, अखिलेश यादव ने अपने MP का किया बचाव

Shubham Sharma

Shubham Sharma

First Published: Nov 25, 2024 1:20 PM

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