आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रेप और हत्या मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय पर नार्को टेस्ट करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के दायर एक आवेदन को कोलकाता की एक अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। सूत्रों ने बताया कि रॉय ने अदालत में टेस्ट के लिए अपनी सहमति देने से इनकार कर दिया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने शहर की सियालदह अदालत में अपील कर रॉय पर टेस्ट करने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने 2010 के कर्नाटक HC के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि टेस्ट के लिए आरोपी की सहमति जरूरी है।
सूत्रों के मुताबिक, रॉय पहले CBI जांच टीम के सामने नार्को टेस्ट के लिए राजी हो गया थे, लेकिन मजिस्ट्रेट के सामने उसने इनकार कर दिया।
जज ने पर्सनली संजय रॉय से पूछा कि क्या उसे नार्को टेस्ट कराने पर कोई आपत्ति है? इस पर रॉय ने अपनी सहमति देने से इनकार कर दिया।
क्या और कैसे होता है नार्को टेस्ट?
एक अधिकारी ने पहले न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि नार्को-एनालिसिस टेस्ट से जांच टीम को आरोपी के घटनाओं को लेकर दिए गय बयान को वैरिफाई करने में मदद मिलेगी।
CBI अधिकारी ने बताया कि नार्को एनालिसिस टेस्ट के दौरान, दवा- सोडियम पेंटोथल, को व्यक्ति के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है, जो उसे सम्मोहित अवस्था में ले जाती है और उसकी सोचने की शक्ति कम हो जाती है। अधिकारी ने कहा, " ऐसे में ज्यादातर मामलों में आरोपी सच्ची जानकारी मुहैया कराता है।"
सीबीआई पहले ही प्रेसीडेंसी सुधार गृह के अंदर रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कर चुकी है।
संजय रॉय को अस्पताल में डॉक्टर का शव मिलने के एक दिन बाद 11 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद 23 अगस्त को मामला CBI को सौंप दिया गया।