Sidhu Moose Wala Murder: बिश्नोई और बंबीहा गैंग की आपसी रंजिश में कैसे भेंट चढ़ गए मूसे वाला, पंजाब से ऑस्ट्रेलिया तक जुड़े हैं मामले के तार
Sidhu Moose Wala Murder Case: मूसे वाला की हत्या में किस चीज का तार किस चीज से जुड़ा है। मामले की कौनसी कड़ी कहां जाकर जुड़ती है, इसे हमने यहां विस्तार समझाने की कोशिश की है
बिश्नोई और बंबीहा गैंग की आपसी रंजीश में कैसे भेंट चढ़ गए मूसे वाला (FILE PIC)
Sidhu Moose Wala Murder Case: पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसे वाला (Sidhu Moose Wala) की हत्या (Murder) के बाद से एक बार फिर गैंग, गैंगस्टर (Gangster), गैंगवार (Gangwar) जैसे शब्द आप अपने आस-पास खबरों में सुन रहे होंगे। मूसे वाला की 29 मई को दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। एक 28 साल के युवा गायक की हत्या ने न सिर्फ पंजाब बल्कि पूरे देश को हिला दिया है। पुलिस ने शुरुआती तौर पर इसे आपसी रंजिश और गैंग राइवलरी का मामला बताया है।
इस घटना के बाद से सिलसिलेवार ढंग से कई गैंग और गैंगस्टर के नाम सामने आ रहे हैं। साथ ही हत्या के तार न केवल भारत बल्कि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया तक से जुड़े हैं। यहां भी ये मामला केवल पंजाब तक ही नहीं सिमटा है, बल्कि इसकी एक कड़ी पंजाब यूनिवर्सिटी से, तो एक बेहद ही अहम कड़ी पंजाब से 384 किलोमीटर दिल्ली की तिहाड़ जेल से भी मिलती है।
मूसे वाला की हत्या में किस चीज का तार किस चीज से जुड़ा है। मामले की कौनसी कड़ी कहां जाकर जुड़ती है, इसे हमने यहां विस्तार समझाने की कोशिश की है। आइए समझते हैं 'गैंग्स ऑफ पंजाब' (Gangs of Punjab) के इस पूरे स्ट्रक्चर को...
'गैंग्स ऑफ पंजाब'
सबसे पहला नाम इसमें गैंगस्टर गोल्डी बरार (Goldy Barar) का सामने आया था। असल में घटना के तुरंत बाद कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बरार ने एक फेसबुक पोस्ट किया था। बरार ने इसमें मूसे वाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। बरार ने इस हत्या को यूथ अकाली लीडर विक्की मिड्डूखेड़ा के मर्डर का बदला बताया।
गोल्डी बरार ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, "हम हत्या की जिम्मेदारी लेते हैं। मूसे वाला ने हमारे भाई विक्की की हत्या में मदद की थी। इसका बदला लिया गया है।" ये मामला साल 2021 का है। अब समझना ये होगा इस पूरे मामले में आखिर मूसे वाला का क्या रोल था या उनका नाम इसमें क्यों आ रहा है।
इसके लिए पंजाब यूनिवर्सिटी से शुरुआत करते हैं। गोल्डी बरार, लॉरेंस बिश्नोई (lawrence bishnoi) गैंग का सदस्य है। लॉरेंस बिश्नोई कभी पंजाब यूनिवर्सिटी का छात्र नेता हुआ करता था। उसने यूनिवर्सिटी से ही अपना गैंग बनाया था और अब वो दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। ऐसा कहा जाता है कि लॉरेंस तीहाड़ जेल से ही अपना गैंग ऑपरेट कर रहा है।
विक्रम सिंह उर्फ विक्की मिड्डूखेड़ा (vicky middukhera) लॉरेंस बिश्नोई का करीबी था। मोहाली में 7 अगस्त 2021 को मिड्डूखेड़ा का कत्ल हो जाता है। यहां से एंट्री होती है दविंदर बंबीहा गैंग की। बंबीहा गैंग और बिश्नोई गैंग में आपसी दुश्मनी है।
दविंदर बंबीहा गैंग की कहानी
दविंदर बंबीहा गैंग, वर्तमान में लक्की पटियाल गैंग के नाम से भी जाना जाता है। साल 2016 में दविंदर बंबीहा (davinder bambiha) को एक एनकाउंटर मार गिराया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब इस गैंग को लक्की पटियाल (Lucky Patial) आर्मेनिया से चलाता है।
ये वही गैंग है, जिसने यह दावा किया कि मूसे वाला की हत्या के पीछे सिंगर मनकीरत औलख का हाथ है। एक फेसबुक पोस्ट के जरिए, इसने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार को मूसेवाला की हत्या नहीं करनी चाहिए थी।
पंजाबी में लिखे इस पोस्ट में बंबीहा गैंग ने यह भी आरोप लगाया कि सभी गायकों से पैसे वसूलने के पीछे भी सिंगर मनकीरत औलख का ही हाथ है।
अब अपनी कहानी पर वापस आते हैं। मिड्डूखेड़ा की हत्या की जिम्मेदारी बंबीहा गैंग ने ली थी। सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बंबीहा गैंग ने लिखा, "विक्की, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करता था। इसलिए उसका मर्डर किया गया।"
जब पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्रों ने किया मूसे वाला का विरोध
यहां से इस हत्या में सिद्धू मूसे वाला का नाम जुड़ता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो मूसे वाला पर आरोप हैं कि मिड्डूखेड़ा की हत्या करने वालों को उन्होंने पनाह दी थी। इसी मामले में मूसे वाला का मैनेजर शगनप्रीत भारत से फरार हो गया था और अब वह ऑस्ट्रेलिया में रह रहा है।
इसी कड़ी में एक बार सिद्धू मूसे वाला का पंजाब यूनिवर्सिटी में एक स्टेज शो होने वाला था, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया था। दरअसल छात्रों ने मूसे वाला का यह कह कर विरोध किया था, वह अपने गानों में गन कल्चर को बढ़ावा देते हैं। इस हंगामे के बाद यूनिवर्सिटी ने मूसे वाला के शो पर रोक लगा दी थी।
दिल्ली से उत्तराखंड तक जुड़े तार
इधर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उसने मांग की है कि उसे किसी भी राज्य की पुलिस को न सौंपा जाए और जो भी पूछताछ हो वो तिहाड़ जेल में ही की जाए। उसने पंजाब पुलिस पर उसे 'फेक एनकाउंटर' में मारने की आशंका भी जताई है।
वही उत्तराखंड से सिद्धू मूसे वाले की हत्या के आरोप में मंगलवार रात पहली गिरफ्तारी हुई। आरोपी को कोर्ट ने पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
मानसा और उत्तराखंड पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन के बाद आरोपी मनप्रीत सिंह को देहरादून से गिरफ्तार किया गया। पत्रकारों से बात करते हुए, मानसा SSP गौरव तूरा ने कहा कि वे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार की भूमिका की जांच कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने हत्या की जिम्मेदारी ली है।