KKR vs RCB : आज रविवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। इस मैच में RCB को 1 रन के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, आज के इस मैच में RCB की हार के अलावा एक और चीज की काफी चर्चा हो रही है। दरअसल, दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) को इस मैच में आउट होने के बाद ऑन-फील्ड अंपायरों के साथ तीखी बहस करते हुए देखा गया। कोहली इस मैच में हर्षित राणा की फुलटॉस गेंद पर आउट हो गए। कोहली समेत RCB की पूरी टीम को उम्मीद थी कि यह गेंद को नो-बॉल करार दी जाएगी। लेकिन थर्ड अंपायर का फैसला विराट कोहली के खिलाफ गया, और वे इसके बाद काफी गुस्से में नजर आए।
हर्षित राणा ने विराट कोहली का कैच लिया और इसके साथ ही KKR की पूरी टीम जश्न मनाने लगी। लेकिन कोहली ने तुरंत रिव्यू की मांग की, क्योंकि उन्हें यकीन था कि गेंद उनकी कमर से ऊपर थी। हालांकि, रीप्ले से पता चला कि यह स्लोअर गेंद ऊंचाई के बाद नीचे की ओर आ रही थी। विराट कोहली इसे खेलते वक्त क्रीज से बाहर थे। ऐसे में तीसरे अंपायर माइकल गॉफ ने फैसला दिया कि ऊंचाई के बाद नीचे आने के कारण यह सही डिलीवरी है।
थर्ड अंपायर के फैसले के बाद कोहली काफी नाराज दिखे। कोहली के साथ ही आरसीबी के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने भी फैसले के बाद अंपायरों के साथ तीखी बहस की। डगआउट में वापस जाते समय कोहली गुस्से में दिखे और उनके हाव-भाव से साफ हो गया कि वह इस फैसले से बिल्कुल भी खुश नहीं थे।
क्या जिस गेंद पर कोहली आउट हुए, वह नो-बॉल थी?
कोहली के आउट होने के बाद इसे लेकर बहस छिड़ गई है कि क्या वे जिस गेंद पर आउट हुए वह नो-बॉल थी? ICC के नियम 41.7.1 के मुताबिक कोई भी डिलीवरी, जो क्रीज पर सीधे खड़े स्ट्राइकर की कमर की ऊंचाई से ऊपर, बिना पिच किए गुजरती है या पास हो जाती, अनुचित मानी जाएगी, चाहे इससे स्ट्राइकर को शारीरिक चोट लगने की संभावना हो या नहीं। अगर गेंदबाज ऐसी गेंद फेंकता है तो अंपायर तुरंत नो बॉल का संकेत देगा।
कोहली को भरोसा था कि जब गेंद उनके बल्ले से संपर्क में आई तो यह उनकी कमर से ऊपर थी, ऐसे में यह नो-बॉल करार दी जाएगी। रीप्ले से पता चला कि कोहली बल्लेबाजी के दौरान क्रीज के बाहर खड़े थे और गेंद की स्पीड कम होने की वजह से यह नीचे की ओर आ रही थी। अगर कोहली क्रीज के भीतर सामान्य बल्लेबाजी की स्थिति में खड़े होते तो ऐसे में यह गेंद उनके कमर के नीचे आ जाती। इसका मतलब है कि इस स्थिति में यह फेयर डिलीवरी मानी जाती। ऐसे में अंपायर का फैसला कोहली के खिलाफ गया।