Online Gambling Games यानी सट्टेबाजी वाले ऑनलाइन गेम्स पर बैन लगाने की तैयारी कर ली गई है। ऑनलाइन गैम्बलिंग गेम्स पर बैन लगाने के लिए तमिलनाडु कैबिनेट में एक ऑर्डिनेंस यानी आध्यादेश पास किया गया है। यह कदम राज्य में गेमिंग क्षेत्र को नियंत्रित करने की व्यापक पहल का हिस्सा है। ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर पहले से 28 फीसदी जीएसटी लगने से परेशान है और अब गेमिंग सेक्टर के लिए तमिलनाडु सरकार का फैसला किसी झटके से कम नहीं है।
तमिलनाडु ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी के नए नियमों के तहत, रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म को रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक बंद रखना होगा ताकि इस दौरान कोई लॉगिन न कर सके। साथ ही, नाबालिगों को ऐसे गेम खेलने से रोका जाएगा। कंपनियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे खिलाड़ियों के लिए रोजाना, हफ्ते और महीने की खर्च सीमा तय करने का विकल्प दें। नए नियमों के तहत, रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म को हर घंटे खिलाड़ियों को सतर्क करने के लिए पॉप-अप संदेश दिखाने होंगे। 30 मिनट बाद फिर से उन्हें उनके गेमिंग समय की याद दिलाई जाएगी। इसके अलावा इन ऐप्स को लॉगिन पेज पर यह चेतावनी देनी होगी कि "ऑनलाइन गेमिंग नशे की लत हो सकती है।"
जब भी कोई खिलाड़ी पैसे जमा करे, तो ऐप को उनकी खर्च सीमा और अब तक खर्च हुई राशि को बड़े और साफ अक्षरों में दिखाना होगा ताकि वे अपने खर्च पर नजर रख सकें। नए नियमों के तहत, रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर खाता बनाने के लिए केवाईसी (KYC) वेरिफिकेशन जरूरी होगा। लॉगिन करते समय भी आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजकर दूसरी बार पहचान की पुष्टि करनी होगी। इससे खिलाड़ियों की सही पहचान सुनिश्चित की जाएगी। ये नियम सिर्फ उन ऑनलाइन गेम्स पर लागू होंगे, जहां खिलाड़ी पैसे या सामान लगाकर जीतने की उम्मीद करते हैं। यह केंद्र सरकार के आईटी अधिनियम 2021 के गेमिंग संशोधनों के अनुरूप है।
तमिलनाडु सरकार का बड़ा फैसला
तमिलनाडु सरकार ने अगस्त 2023 में पांच सदस्यीय ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण बनाया, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मोहम्मद नसीमुद्दीन कर रहे हैं। यह प्राधिकरण ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने, स्थानीय गेमिंग कंपनियों की निगरानी करने और जरूरत पड़ने पर गेम्स पर बैन लगाने का काम करता है। साथ ही यह किसी भी गेमिंग कंपनी के खिलाफ मिली शिकायतों का समाधान भी करता है। अप्रैल 2023 में, तमिलनाडु सरकार ने ऑनलाइन रम्मी और पोकर को गेम ऑफ चांस मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया, जिससे वे ऑनलाइन जुए की श्रेणी में आ गए। भारत में जुआ राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है। दक्षिण भारत खासतौर पर रम्मी जैसे कौशल-आधारित खेलों का बड़ा बाजार माना जाता है, जहां ये खेल काफी लोकप्रिय हैं।
बता दें कि नवंबर 2023 में मद्रास हाईकोर्ट ने ऑनलाइन रम्मी और पोकर पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था। हालांकि, अदालत ने राज्य सरकार को इन खेलों के लिए समय सीमा तय करने और आयु सीमा निर्धारित करने की छूट दी। भारत में अभी ऑनलाइन गेमिंग के लिए कोई ठोस कानून नहीं है, लेकिन सरकार इसे नियंत्रित करने के प्रयास कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री ने 2024 में 3.8 बिलियन डॉलर का राजस्व कमाया, जो पिछले साल की तुलना में 22.6% ज्यादा है। इसमें से 2.4 बिलियन डॉलर सिर्फ रियल-मनी गेमिंग से आया। अगले पांच सालों में इस इंडस्ट्री के 9.2 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।