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एक महिला इनवेस्टर ने Shcengen Visa के खराब प्रोसेस के बारे में सोशल मीडिया पर बताया, कहा- हर प्रिंट के लिए चुकाने पड़ते हैं 150 रुपये

महिला इनवेस्टर ने कहा कि उनकी मुलाकात वीएफएस ग्लोबल के साथ बुधवार को फिक्स थी। वीजा सर्विसेज स्पेशियलिस्ट फर्म के प्रोसेस का हर कदम मुश्किलों से भरा था। उन्होंने कहा कि मेरी मुलाकात 11:30 बजे तय थी। लेकिन, मेरी बारी 2 बजे दिन में आई

अपडेटेड Apr 27, 2023 पर 6:18 PM
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Ujjavala Bothra ने ट्विटर पर जानकारी शेयर की है। उन्होंने लिखा है कि SChengen Visa के लिए पेपरवर्क पागल कर देने वाला है।

एक इंडियन इनवेस्टर ने नार्वे के Schengen Visa के अपने अप्लिकेशन से जुड़े अनुभव के बारे में बताया है। उन्होंने इसके प्रोसेस और बहुत ज्यादा पेपरवर्क को लेकर बहुत निराशा जताई है। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें हर प्वाइंट पर एक प्रिंट के लिए 150 रुपये चुकाने पड़े। दरअसल इस बारे में Ujjavala Bothra ने ट्विटर पर जानकारी शेयर की है। उन्होंने लिखा है, "SChengen Visa के लिए पेपरवर्क पागल कर देने वाला है। इसे समझना इतना मुश्किल क्यों है : 1. हमें आपके पुरुषों से शादी करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, थैंकयू। 2. असल में हम आपके देश की जीडीपी को बढ़ा रहे हैं।"

बोथरा की मुलाकात वीएफएस ग्लोबल के साथ बुधवार को फिक्स थी। उन्होंने बताया कि वीजा सर्विसेज स्पेशियलिस्ट फर्म के प्रोसेस का हर कदम मुश्किलों से भरा था। मेरी मुलाकात 11:30 बजे तय थी। लेकिन, मेरी बारी 2 बजे दिन में आई। ऐसे में स्लॉट बुक करने का क्या फायदा? नार्वे की वेबसाइट पर डॉक्युमेंट की चेकलिस्ट बहुत पुरानी है। इसके बारे में क्या कहा जाए।


उन्होंने बताया कि उनसे हर प्रिंट के लिए 150 रुपये वसूले गए। उन्होंने कहा कि इस अनुभव को बताना बहुत मुश्किल है। वीएफएस ग्लोबल के लिए 100 फीसदी प्रतियोगिता जरूरी है। उसकी मोनोपॉली है। बोथरा के ट्वीट पर कमेंट करते हुए ट्विटर यूजर नेहा श्रीवास्तव ने कहा है, "मैं इस बारे में अपने दोस्त से पिछली रात बात कर रही थी। अगर यह अमेरिका की तरह वन टाइम डील है तो पेपरवर्क से मुझे दिक्कत नहीं है। अमेरिकी बहुत ज्यादा डिटेल मांगते हैं लेकिन कम से कम आपको 10 साल का टूरिस्ट वीजा देते हैं। ये तो सिर्फ 3 महीने के वीजा के लिए इतना ज्यादा पेपरवर्क कराते हैं।"

प्रोडक्टविटी कोच चेतन येलापुरकर ने लिखा है, "अप्वाइंटमेंट लेना बहुत मुश्किल हो गया है। उन्हें सिर्फ यूरोप के लिए VOA करना चाहिए। मैं बेट लगा सकता हूं कि गर्मियों में आधा इंडिया वहां पहुंच जाएगा। वीजा वाकई मुश्किल है।"

ट्वीटर यूजर Benja (@akawrh) ने लिखा, "नार्वे बहुत सख्त है। मैं एक बार भी अपनी फैमिली यहां नहीं ला सका हूं। हमें अक्सर अपने लोगों से मिलने के लिए नार्वे छोड़ना पड़ता है।" एक दूसरे यूजर ने लिखा, "वाकई यह बहुत परेशान करने वाला है। मुझे भी कई बार इसका सामना करना पड़ा है। बात यह है कि यह इस्तेमाल के लिए एक सर्विस की तरह नहीं है बल्कि ऐसा अरेंजमेंट है जिसके लिए तैयारी नहीं होने पर बहुत मुश्किल आती है। "

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